यूपी विधानसभा चुनाव 2017

आरएसएस वतन का गद्दार, अखिलेश यादव घमंडी : अफजाल अंसारी

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर खूब बरसे बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व सांसद अफजाल अंसारी

रसूलपुर में बसपा प्रत्याशियों के पक्ष में सभा की

गोरखपुर, 16 फरवरी। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व सांसद अफजाल अंसारी गुरुवार को गोरखपुर में तेवर में नजर आयें। उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, आरएसएस व भाजपा पर जमकर निशाना साधा।
रसूलपुर गोरखनाथ में बसपा उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित सभा में अफजाल अंसारी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव घमंडी हैं।

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उन्होंने अपने भाषण में शेरो शायरी के जरिये मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर तीखे वार किए। उन्होंने तंज करते हुए कहा-
” आंधी मगरुर दरख्तों को पटक जायेगी
बस वहीं शाख बचेगी जो लचक जायेगी।
आसमां छूने का हो जायेगा खुद अंदाजा
जब जमीं पांव के नीचे से सरक जायेगी।।

उन्होंने कहा कि मैंने अखिलेश यादव से कहा कि आपको नया शौक है। आपको अपने पिता की विरासत थाली में सजा के मिली। हमको यह राजनीतिक विरासत अपने पुरखों से मिली है। मैंने मुख्यमंत्री आवास से निकलते हुए कहा कि ” मुसाफिर हो तुम, मुसाफिर हैं हम भी / किसी मोड़ पर मुलाकात होगी, चरागों को आंखों में महफूज रखना/ बड़ी देर तक रात ही रात होगी। “

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उन्होंने कहा कि जिस तरह बहादुर शाह जफर को आखिरी मुगल कहा गया उसी तरह अखिलेश यादव सैफई के आखिरी मुगल हैं। इसके बाद सुल्तानी मिलने वाली नहीं हैं। इनकी पोल खुल गयी। जो अपने बाप से दगा कर सकता हैं वह हमारे और आपके साथ कभी वफा नहीं कर सकता हैं। हमने उसी दिन कसम खाई कि अखिलेश का घमंड चूर-चूर कर मानूंगा। हम रुसवां किए गये। हमें धोखे से सुलाकर हमारा गला काटने की कोशिश की गयी। फर्ज बनता है कि हम इस जुल्म के खिलाफ लड़ने को तैयार हुये। बहन मायावती ने बुला कर सम्मान दिया। हमारे छोटे भाई मुख्तार अंसारी को टिकट दिया जिसका नाम लेने से यह लोग कांप जाते थे। बड़े भाई सिबगतुल्लाह को भी टिकट दिया।

सपा की ओर इशारा करके कहा कि अफजाल अंसारी ने कहा कि जब वोट लेना था तो मुख्तार के जिस्म से खुश्बू आती थीं। राज्यसभा में अपना एमपी जिता कर भेजना था तो उसका वोट ले लिया। इसके बावजूद दोनों का टिकट काट दिया। यह चाहते थे कि अंसारी बंधुओं का सियासी चिराग बुझा दें। इन्होंने दो टिकट पर ग्रहण लगाया और मायावती जी की दरिया दिली देखिए उन्होंने मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को घोसी से टिकट दे दिया। आज दिल्ली की सीबीआई अदालत ने मुख्तार को 15 दिन की पेरोल मंजूर कर ली हैं। मैं और मुख्तार कोशिश करेंगे कि उप्र का कायापलट कर दिया जाये। इस जालिम हुकूमत का खात्मा कर दिया जाये।
उन्होंने कहा कि ब्रिगेडियर उस्मान मेरे नाना थे। जिन्हें पहला महावीर चक्र मिला। जब मुल्क गुलाम था तब 1926-27 में मेरे परदादा डा. मुख्तार अहमद अंसारी इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रेसीडेंट थे। वह महात्मा गांधी के करीबियों में से थे। सन् 1942 के आंदोलन में जब गांधी जी ने अंग्रेजों से कहा वापस जाओ और भारतवासियों से कहा करो या मरो। उस आंदोलन में अपने वतन से मोहब्बत रखने वाले अंग्रेजों से लड़ने के लिए खड़े हो गये। एक सोच के लोग नहीं लड़े। वह आरएसएस की सोच के लोग थे। आरएसएस के चीफ सावरकर ने नेशनल एक्जीक्यूटिव की बैठक में प्रस्ताव पास किया कि इस असहयोग आंदोलन का विरोध करो।

उन्होने कहा कि आज यह इतिहास नहीं पढ़ाया जाता हैं। यह सेलेबस से अलग किया गया। इतिहास पढ़ मालूम कीजिए कि आरएसएस के लोगों ने गांधी जी के असहयोग आंदोलन का विरोध किया। अगर इन्होने साथ दिया होता तो हिन्दुस्तान 1942 में ही आजाद हो गया होता। जो देश के साथ गद्दारी करने वाले लोग हैं वह आज देश की सरदारी कर रहे हैं और खुद को देश का वफादर कहते हैं और जो देश के लिए मर मिटे उनको देश का गद्दार कहते हैं। मेरे परिवार में 18 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हुये जो देश के लिए कुर्बान हुये। मैं चुनौती देता हूं अगर कोई भी यह बता दें कि आरएसएस के एक भी आदमी ने देश की आजादी के लिए कभी उंगली भी कटाई हो, तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा। जिन्होंने वतन से गद्दारी की ,अंग्रेजों से मिल गये वह आज वतन परस्त बनते हैं।
इससे पहले अफजाल अंसारी ने नार्मल स्थित दरगाह मुबारक खां शहीद रह. के मजार पर चादर चढ़ायीं। उसके बाद तुर्कमानपुर से काफिले की शक्ल में निजामपुर, पिपरापुर, सूरजकुंड, सिधारीपुर होते हुए रसूलपुर में सभा स्थल पर पहुंचे।
इस मौके पर गोरखपुर ग्रामीण से उम्मीदवार राजेश पांडेय व शहर से जनार्दन चौधरी के पक्ष में वोट देने की अपील की गयी।
इस दौरान शहर काजी वलीउल्लाह , निसार अहमद, सैयद मुख्तार, दरगाह मुबारक खां शहीद के मुतवल्ली इकरार अहमद, सैयद शहाब, चौधरी अजीमुद्दीन ,ताहिर अली शब्जपोश ,डॉ आरिफ बेग,सयैद मोहम्मद इरफान ,मोहम्मद हिदायतुल्लाह आदि मौजूद रहे।⁠⁠⁠⁠

सभा में पर्चा बाँट दलित मुस्लिम इत्तेहाद को मजबूत करने की अपील की गई 

सभा में कई मुस्लिम संगठनों द्वारा बसपा के पक्ष में मतदान कि पापिल लारने वाला पर्चा भी बांटा गया। इस पर्चे में भाजपा को अछूत और सपा -कांग्रेस को वादाखिलाफी के कारण नाकाबिले कुबूल बताया गया है।

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पर्चे में अखिलेश सरकार से तमाम सवालों का जवाब मांगते हुए कहा गया है कि वह बताएं कि सपा के घोषणा पत्र में मुसलमानो से जो 14 वादे किए गए थे , उसमें कौन सा पूरा हुआ , सच्चर कमेटी और रंगनाथ कमीशन की रिपोर्ट पर अमल करने की क्या कोशिश हुई। मुजफ्फरनगर सहित 500 स्थानों पर फसाद कैसे हुए।  पर्चे में दलित मुस्लिम इत्तेहाद को मजबूत करते हुए बसपा को वोट देने की अपील की गई है।

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