लोकरंगसाहित्य - संस्कृति

दीवारों और बखारों पर उकेरे लोक चित्र, जोगिया को दिया कला गांव का रूप

संभावना कला मंच के कलाकारों ने जोगिया को ‘ लोकरंग-10 ’ के लिए सजाया

जोगिया (कुशीनगर) 10 अप्रैल। जोगिया गांव में हर वर्ष आयोजित होने वाले लोकरंग की छटा इस बार कुछ और है क्योंकि आयोजन के दस वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस कारण इस दो दिवसीय आयोजन की तैयारी जोर-शोर से हो रही है।
गाजीपुर से आए संभावना कला मंच के कलाकारों ने आज पूरे दिन ब्रशों और रंगों से कमाल कर दिखाया। कलाकारों ने गांव की दीवारों, लोगों के बखारों पर लोक चित्र उकेर कर पूरे गांव का महौल कलामय कर दिया।

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संभावना कला मंच की टीम हर वर्ष लोकरंग में शामिल होने आती है और अपनी कूची का कमाल दिखाती है। आज सुबह ही पहुंचे संभावना कला मंच के कलाकार अपने रंग और ब्रश के साथ पूरे गांव में बिखर गए और अपनी लोक चित्र उकेरने लगे। कलाकारों ने ग्रामीणों के बखारों, उपेक्षित पड़ी जगहों को अपनी कला का स्पेस बनाया और देखते-देखते पूरा गांव एक कला गांव के रूप में दिखने लगा। कहीं उन्होंने कविता पोस्टर लगाए तो कहीं अमेजन व इन्स्टालेशन आर्ट प्रदर्शित किया।

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संभावना कला मंच के संयोजक राजकुमार सिंह ने बताया कि ‘ संभावना कला मंच ’ गााँव और कस्बों के कलाकारों की टीम है जो कला और जन संस्कृति को बचाने और उसे आम जन के बीच ले जाने के लिए कार्य कर रही है। आज कला कुछ बड़े शहरों की आर्ट गैलरियों तक सीमित होती जा रही है। इसी दौर में संभावना कला मंच के कलाकार लगातार गााँव, कस्बों, छोटे-छोटे शहरों में अपनी कला प्रदर्शनी लगा रहे हैं और और कला को आम लोगों ( मजदूरों, किसानों ) के बीच ले जा रहे हैं। ये कलाकार अपने देश, समाज के मन-मिजाज को बखूबी चित्रित करते हैं।

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राजकुमार सिंह के साथ राजीव कुमार गुप्ता, कृष्ण कुमार पासवान, मीरा वर्मा, सपना सिंह, ब्रजेश, साधना माला, निहाल सिंह और सीमा सिंह आए हुए हैं। राजकुमार कहते हैं कि गााँव के सजाने में जन संस्कृति के कला सौन्दर्य के साथ-साथ तत्कालीन राजनीतिक-सामाजिक परिदृश्यों को भी प्रमुखता से स्थान दिया जा रहा है।

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