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माले नेता मनीष शर्मा की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेशव्यापी आंदोलन का आह्वान

लखनऊ, 25 मई। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने वाराणसी के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा द्वारा बुधवार को अपने कार्यालय में मांस व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल लेकर मिलने आये राज्य स्थायी (स्टैन्डिंग) समिति सदस्य व वाराणसी के पार्टी प्रभारी मनीष शर्मा को पुलिस बुलवाकर गिरफ्तार करा देने की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने मनीष शर्मा की गिरफ्तारी के विरोध में  जिला इकाइयों से राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ नौकरशाही का उक्त सलूक अलोकतांत्रिक और तानाशाहीपूर्ण है। उन्होंने मनीष शर्मा की बिना शर्त अविलंब रिहाई की मांग करते हुए कहा कि युवा नेता मनीष किसी भी मामले में वांछित नहीं थे। वे पिछले कुछ समय से बूचड़खानों की बंदी से परेशान वाराणसी व पूर्वांचल के जिलों के मांस व्यापारियों के आंदोलन को संगठित कर रहे थे और उनका दुखड़ा लेकर वाराणसी के डीएम से मिलने गये थे।

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माले नेता मनीष शर्मा को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस

अभी दो दिन पूर्व ही इस मसले पर मांस व्यापारियों के साथ भाकपा (माले) ने बनारस कमिश्नरी का घेराव किया था और कारोबार शुरु करने की मांग की थी। लेकिन जिलाधिकारी ने मांस कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल को कोई ठोस आश्वासन देना तो दूर, उनकी आवाज उठाने वाले नेता को ही गिरफ्तार करा दिया और पुलिस को (फर्जी) मुकदमा कायम करने का निर्देश दे डाला।
भाकपा (माले) राज्य सचिव ने कहा कि यह कार्रवाई योगी सरकार के निर्देश पर की गई है। उन्होंने इसके खिलाफ पार्टी जिला इकाइयों से विरोध प्रकट करने का राज्यव्यापी आह्वान किया है।

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