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अांखों में अश्क, लबों पर या हुसैन की सदा

गोरखपुर, 29 सितम्बर। मुहर्रम की 8वीं तारीख को मस्जिदों व घरों में इमाम हुसैन व उनके जांनिसारों की याद में मजलिसों का दौर जारी रहा। मस्जिदों, घरों व इमामचौकों पर फातिहा-नियाज हुई। जुमा की तकरीरों में उलेमाओं ने शहीद-ए-आजम इमाम हुसैन व शोहादा-ए-कर्बला की कुर्बानियों को याद किया। जिसे सुनकर अकीदतमंदों की आंखें नम हो गई और लबों से या हुसैन की सदा जारी हुई।

“गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर” में “जिक्रे शहादत” मजलिस में मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि माह-ए-मुहर्रम बरकत व अजमत वाला है। मुहर्रम की 10वीं तारीख जिसे आशूरह कहा जाता है वह बहुत ही फजीलत वाली है।

“गाजी मस्जिद गाजी रौजा” में “जिक्रे शोहदा-ए-कर्बला” की 8वीं मजलिस में मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर) ने कहा कि नवीं और दसवीं मुहर्रम दोनों दिन रोजा रखना चाहिए।  हदीस शरीफ में इसकी बहुत फजीलत आई है। 10वीं मुहर्रम अजमत वाला दिन है। जिसमें अल्लाह ने हजरत मूसा अलैहिस्सलाम और उनकी कौम को फिरौन के जुल्म से निजात दी और उसको उसकी कौम के साथ डुबो दिया। हजरत मूसा ने उसी के शुक्रिया में रोजा रखा।

“फिरदौस मस्जिद जमुनहिया बाग” व “बेलाल मस्जिद रसूलपुर” में मजलिस में हाफिज व कारी अफजल बरकाती ने कहा कि मुहर्रम की 10वीं तारीख को हजरत सैयदना इमाम हुसैन व आपके जांनिसारों ने मैदाने कर्बला में तीन दिन भूखे-प्यासे रह कर इस्लाम की बकां व तहफ्फुज के लिए जामे शहादत नोश फरमा कर हक के परचम को सरबुलन्द फरमाया।
“दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल” में “जिक्रे शोहदा-ए-कर्बला” मजलिस में मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि कर्बला की जंग यही बताती है कि इमाम हुसैन हक के लिए शहीद हुए। मुहर्रम सच के लिए शहीद हो गए इमाम हुसैन को याद कर उनके बताये रास्ते पर चलने के  वादा करने का दिन है।

“चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर” में मजलिस के दौरान हाफिज महमूद रजा कादरी, “बेलाल मस्जिद अलहदादपुर” में कारी शराफत हुसैन कादरी, “नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर” में  मौलाना असलम रजवी, “मकबरे वाली मस्जिद बनकटी चक” में  मौलाना गुलाम दस्तगीर निजामी ने शहीद-ए-आजम इमाम हुसैन व शोहादा-ए-कर्बला की कुर्बानियों को याद किया।

इस दौरान हाफिज मोहम्मद कलाम,  सैयद मुजीबुल्लाह, दबीर सिद्दीकी, शब्बीर, मुहर्रम टुनटुन, दरगाह सदर इकरार अहमद, कुतुबुद्दीन, रमजान, कारी महबूब,  शिराज, शहबाज, युसूफ जहीर, जकी सिद्दीकी, ताबिश, मोहम्मद हनीफ, मोहम्मद आजम सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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