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छात्रवृत्ति पर कड़ा रुख, मदरसों से मांगा गया शपथ पत्र

गोरखपुर, 22 अक्टूबर। भारत सरकार द्वारा संचालित योजनान्तर्गत प्री मैट्रिक/पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति वर्ष 2017-18 पर विभाग ने कड़ा रुख अपना लिया है। अब जिले के समस्त अनुदानित/मान्यता प्राप्त मदरसों को बच्चों की छात्रवृत्ति लिस्ट के साथ 5 बिंदुओं पर शपथ पत्र भी देना होगा। मदरसा संचालकों में इसे लेकर दुविधा व बेचैनी है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने 17 अक्टूबर को विभिन्न मदरसों को बाकायदा इसके लिए पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि मदरसे के प्रधानाचार्य शीघ्र छात्रवृत्ति सूची के साथ शपथ पत्र प्रस्तुत करें और उसमें लिखें कि जिन छात्रों की सूची अग्रेसित किए जाने हेतु प्रस्तुत की गई हैं इसमें समस्त अभिलेख, आय प्रमाण, पिछले वर्ष उत्तीर्ण परीक्षा का अंक पत्र, बैंक पास बुक, आधार कार्ड, फोटो एवं अन्य आवश्यक अभिलेख एवं आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी सुरक्षित रख ली गयी है। शपथ पत्र में यह भी बताना है कि मदरसे में कितने छात्र अध्ययरनरत है एवं कितने  छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया है।

इसके अलावा पांचवे बिंदु पर प्रधानाचार्य को शपथ पत्र में लिखना है कि जिन छात्रों ने आवेदन किया है वह इस मदरसे में अध्ययनरत हैं। नियमित रुप से शिक्षण कार्य कर रहे है। किसी बाहरी छात्र का आवेदन नहीं कराया गया है। यदि किसी  प्रकार का कोई विपरीत तथ्य प्रकाश में आता है तो संपूर्ण जिम्मेदारी मदरसे के प्रधानाचार्य की होगी। प्रधानाचार्यों को यह भी लिखना जरुरी है कि जब विभाग छात्रवृत्ति के अभिलेखों की हार्डकॉपी मांगेगा तो मदरसा प्रधानाचार्य समस्त अभिलेख उपलब्ध करायेंगे।
यह पत्र कई अनुदानित मदरसों में पहुंच चुका है। मदरसा संचालकों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि दिवाली के बाद इस सिलसिले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से बात की जायेगी। संचालकों का कहना है कि मदरसे में ज्यादातर गरीब तबके केे छात्र पढ़ते है। ज्यादातर के पास तहसील से बना आय प्रमाण पत्र नहीं है और आय प्रमाण पत्र बनवाना आसान भी नहीं है। ज्यादा परेशानी आय प्रमाण को लेकर ही है। विभाग के कहने पर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन तो कर दिया गया है मगर अब विभाग द्वारा शपथ पत्र मांगा जा रहा है। जबकि शपथ पत्र में आय प्रमाण का स्पष्ट उल्लेख करना है। अब जब ज्यादातर छात्रों का आय प्रमाण पत्र नहीं है तो शपथ पत्र में आय प्रमाण के विषय में कैसे जानकारी दें। मदरसा संचालक इन्हीं सब बातों को लेकर दुविधा में है।

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