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फिल्म पद्मावती विवाद में संजय लीला भंसाली भी जिम्मेदार : योगी आदित्यनाथ

 कहा- जनभावनाओं से खिलवाड़ का अधिकार किसी को नही
गोरखपुर, 21 नवम्बर। फिल्म पद्मावती को लेकर चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विवाद के लिए संजय लीला भंसाली भी जिम्मेदार हैं. जनभावनाओं से खिलवाड़ का अधिकार किसी को नहीं है.

मुख्यमंत्री मंगलवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि फिल्म के विरोध में प्रदर्शन करने वाले जितने जिम्मेदार हैं, उतनी ही गलती संजय लीला भंसाली ने भी की। यदि प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई होगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और लीड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को मिली धमकी के बाबत मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘कानून को हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है। चाहे वह संजय लीला भंसाली हों या कोई अन्य। मुझे लगता है कि धमकी देने वाले दोषी हैं तो भंसाली भी कम दोषी नहीं हैं। उन्होंने फिल्म के प्रदर्शन को लेकर सरकार अपना स्टैंड स्पष्ट कर चुकी है। कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।
राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की संभावनाओं पर मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसी भी वंशवादी पार्टी से क्या उम्मीद की जा सकती है कि वह किसी और को दावेदार बनाएगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिस वंशवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रही है, उसमें सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ही अध्यक्ष बन सकते हैं। इसमें ढोल पीटने जैसी कोई बात नहीं है। राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस का भविष्य क्या होगा ? योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राहुल गांधी के बनने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में शुरू किया गया कांग्रेस मुक्त अभियान और आसान होगा।

भगवान को याद तो कर रहे हैं मुलायम
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भगवान कृष्ण को मर्यादा पुरुषोत्तम राम से अधिक पूजनीय बताया है। हमें खुशी है कि माध्यम चाहे जो भी हो मुलायम सिंह यादव भगवान राम और कृष्ण को याद तो कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम, भगवान श्रीकृष्ण एवं भगवान भोलेशंकर को डा. राम मनोहर लोहिया ने बहुत अच्छी तरह समझा था। उनके बारे में बहुत अच्छा लिखा था। मुलायम सिंह को उसका अध्ययन करना चाहिए।

नगर निकायों को सपा-बसपा ने कमजोर करने साजिश की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा व बसपा ने नगर निकाय की शक्तियों को कमजोर करने की साजिश की। महापौर और चेयरमैन की शक्तियों को सीज करने के लिए संशोधन कर राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा लेकिन राज्यपाल की सहमति नहीं मिलने से अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके। अप्रत्यक्ष रूप से महापौर और चेयरमैन को कार्य नहीं करने दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो तय किया गया कि नगर निकायों को विकास कार्यो के लिए सक्षम, जवाबदेह और स्वावलम्बी बनाया जाएगा। इसके लिए उन्हें और अधिक स्वायत्तता प्रदान की जाएगी। ताकि वे अपने लिए आय के अधिक स्त्रोत बना सके और आत्मनिर्भर हो सके। नगर के विकास के लिए बड़ी योजनाएं और प्रोजेक्ट बना सके। पहले होता यह था कि नगर निकाय की सम्पत्तियों पर कब्जा कर बेच दिया जाता था, फर्जी अलाटमेंट हो जाते थे। लेकिन सरकार ने तय किया कि ऐसा करने के बजाए सम्पत्तियों को नगर निकायों की आय का जरिया बनाया जाए।

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