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मदरसा शिक्षकों ने शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी का पुतला फूंका

गोरखपुर, 11 जनवरी। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा मदरसों के बारे में दिए गए  बयान से खफा मदरसों शिक्षकों ने आज दोपहर में वसीम रिजवी का पुतला फूंका. पुतला फूंकने को लेकर मदरसा शिक्षकों की  बक्शीपुर पुलिस चौकी इंचार्ज से बहस भी हुई।

 मदरसा शिक्षक दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार पर एकत्रित हुए और वसीम रिज़वी के पुतले को लेकर नारा लगाते हुए जुलूस की शक्ल में बक्शीपुर पहुंचे. यहाँ पर पुतला जलाया और सरकार से वसीम रिज़वी के खिलाफ कार्यवाई की मांग की। मदरसा शिक्षकों में वसीम रिज़वी द्वारा मदरसों के बारे में दिए गए गैर जिम्मेदाराना बयान को लेकर भारी असंतोष नजर आया।

wasim rijwi ka putla

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे  हाजी सैयद तहव्वर हुसैन ने कहा कि हिन्दुस्तान की जंग-ए-आजादी में मदरसों के हजारों उलेमाओं ने कुर्बानियां दी। मदरसों में तो वतन से मोहब्बत का पाठ पढ़ाया जाता है। मदरसों में दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम दी जा रही है। जिससे यहां से निकलने वाले छात्र वतन की मुख्यधारा से जुड़कर विकास में सहयोग कर रहे हैं। मदरसों पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। वसीम रिज़वी तत्काल माफी मांगे और बयान वापस लें। वसीम रिज़वी जैसे लोग देश की एकता व अखंडता के लिए खतरा पैदा कर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं।
ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया की जनपद शाखा के जनरल सेक्रेट्ररी हाफिज नजरे आलम कादरी ने कहा कि वसीम रिज़वी जैसे लोग समाज में फित्ना व फसाद फैलाते हैं। सरकार को ऐसे लोगों पर सख्त कार्यवाई करनी चाहिए। केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में मदरसों की जांच हुई और क्लीनचिट मिली। मदरसे इल्म और तालीम का मरकज है और हमेशा रहेंगे। मदरसों को शक की निगाह से देखना ठीक नहीं है।

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मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर) ने कहा कि मजहब का गद्दार मुल्क का वफादर कभी नहीं हो सकता है। हुकूमत को चाहिए कि वसीम रिज़वी को फौरन गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा देकर कार्यवाई करे। हुकूमत को यह मालूम होना चाहिए कि मदरसे वतन से मोहब्बत की तालीम देते है। इस्लाम वतन से मोहब्बत को ईमान का हिस्सा करार देता है इसलिए मुसलमान वतन के खिलाफ कुछ सोच भी नहीं सकता। बड़े अफसोस की बात है कि जिन मदरसों में सांप-बिच्छु भगाने के लिए वक्त पर तलाशने में एक लाठी भी न मिल सके। जिन मदरसों में यह पढ़ाया जाए कि “करो मेहरबानी तुम अहले जमीं पर, खुदा मेहरबां होगा अर्शे बरी पर”। जिस मजहब में बताया जाए कि एक प्यासे कुत्ते को पानी पिलाने पर भी जन्नत मिलती हो भला उस मजहब के मदरसे में किसी को तकलीफ देने की तालीम कैसे दी जा सकती है? इसलिए वसीम रिज़वी और इन जैसे लोगों को हुकूमत फौरन सजा दे।
मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर के प्रधानाचार्य मौलाना नूरुज्ज़मा मिस्बाही ने कहा कि वसीम रिज़वी जिस पार्टी में रहेंगे उसे बर्बाद करेंगे। जिसके साथ रहेंगे उसे धोखा देंगे। ऐसे लोगों की नजर सिर्फ अपने फायदे पर होती है। खुदगर्ज आदमी किसी का नहीं होता। वसीम रिज़वी जैसे लोग किसी का भला नहीं कर सकते और न ही सोच सकते हैं।
अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के जिला महासचिव मोहम्मद आजम ने कहा कि वसीम रिज़वी जैसे लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मदरसों के विरुद्ध अनाप-शनाप बयान देते हैं। वसीम को तत्काल माफी मांगनी चाहिए।
अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष नवेद आलम व प्रदेश संयोजक बदरे आलम अंसारी ने कहा कि वसीम रिज़वी उस नासूर का नाम है जो अपना घर बचाने के लिए खुदा व रसूल का घर बर्बाद करने की नापाक कोशिश कर रहे है। कभी मस्जिद के ताल्लुक से बकवास करते है तो कभी मदरसे के ताल्लुक से उलूल-जलूल बकते है। इन पर सरकार को लगाम लगानी चाहिए।
मदरसा मिनी आईटीआई के अनुदेशक मो. इस्माईल खान ने कहा कि सरकार वसीम रिजवी को तत्काल उनके पद से बर्खास्त करे।
इस मौके पर हाशिम, कासिम, वसीम, अबू अहमद, रियाज अहमद, हाफिज रहमत अली, वकील, मौलाना जावेद, हाफिज रहमत अली, मो. फुरकान, निसार अहमद, हिदायतुल्लाह, जाहिद, फिरदौस, मौलाना निजामुद्दीन, अली गजनफर, मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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