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चयन प्रक्रिया की बहाली की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे छात्रों -युवाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया

इलाहाबाद, 19 जनवरी. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड समेत प्रदेश के सभी ठप किए गए आयोगों से रोक हटाने की मांग और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 15 जनवरी तक माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के पदाधिकारियों की नियुक्ति करके चयन प्रक्रिया बहाल करने के वायदे की वादाखिलाफी के विरोध में 19 जनवरी को आइसा, प्रतियोगी छात्रों, युवा मंच ने  बालसन चौराहे पर धरना दिया. धरना-प्रदर्शन प्रारंभ होने के कुछ समय के बाद चार दर्जन छात्र-युवाओं को गिरफ्तार कर लिया गया.

प्रदर्शन के दौरान रोजगार अधिकार आन्दोलन के नेता आइसा के राष्ट्रीय सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि पूरे देश व प्रदेश में बेरोजगारी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन सरकार बस वादा कर रही है. युवाओं को रोजगार देने के नाम पर केंद्र में आई मोदी सरकार के चार साल पूरे होने को हैं लेकिन दस लाख के आस पास भी भर्ती प्रक्रिया नहीं हुई है. आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में पिछले दस सालों की सबसे न्यूनतम रोजगार दर देखी गई. सरकार द्वारा चालू की गई बहुप्रचलित योजनाएं भी बस ‘ढाक के तीन पात’ बनके रह गई.

आइसा प्रदेश अध्यक्ष अंतस सर्वानन्द ने कहा कि सरकार रोजगार के लिए नई योजना लेकर आ रही है जिसमें योग्य नौजवानों की भर्ती नहीं बल्कि सत्तर वर्ष तक के सेवानिवृत्त लोगों को पुनः अध्यापन के क्षेत्र में रखेगी. इससे योग्य नौजवानों को बेरोजगारी और अवसाद की आग में झोंका जा रहा है.

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आइसा नेता शक्ति रजवार ने कहा कि कहाँ तो सरकार यह वादा करके आई थी कि युवाओं को रोजगार देंगे, रोजगार के नए अवसर प्रदान किए जायेंगे और अब कहाँ जो प्रक्रियाएं चल रही थी उनको भी बंद कर दिया गया है. सरकारों की मंशा साफ़ है कि वह छात्रों-नौजवानों को रोजगार नहीं देना चाहती बल्कि उनको बेरोजगारी की आग में झोंकना चाहती है ताकि वे सरकारों व सांप्रदायिक नेताओं द्वारा किये जाने वाले जातिवादी, सांप्रदायिक दंगों के सहभागी बन सकें. आइसा नेता रणविजय विद्रोही ने कहा कि शहरों में लगातार छात्रों व रोजगार अभ्यर्थियों की संख्या बढती जा रही है लेकिन सरकारों की तरफ से कोई भी विज्ञप्ति नहीं निकल रही है.

aisa 2रोजगार अधिकार आन्दोलन के नेता विवेक वर्मा व मनमोहन सिंह ने कहा कि भर्ती आवेदन पत्रों के शुल्कों में लगातार बढोत्तरी कर रही है और तमाम भर्तियो के आवेदन शुल्क को दुगना कर दिया गया है. आवेदन शुल्कों में भारी पैमाने पर धांधली की जा रही है. लेकिन इन सबके बावजूद पिछली सरकार जहाँ सिपाही भर्ती परीक्षा फॉर्म की कीमत 200 में करवाई अब ये वही परीक्षा 400 में कराएँगे और सबका साथ सबका विकास के विकास मॉडल पर गरीब किसानो ,दलितों के बच्चो से भी 400 लेकर हमें रोजगार देंगे.

रोजगार अधिकार आन्दोलन व आइसा नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि आयोगों की बहाली नहीं हुई तो 23 जनवरी से लखनऊ, इलाहाबाद समेत पूरे प्रदेश में व्यापक आन्दोलन किया जायेगा.

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प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार लोगों में सुनील मौर्य, अंतस सर्वानन्द, शैलेश पासवान, अलिक मौर्य, यश आदित्य, शक्ति रजवार, राजेश सचान, अनिल सिंह संगीता पाल, उदय लोधी, दिगेंद्र, अरविन्द मौर्य, विवेक कुमार वर्मा, मनमोहन सिंह यादव, रणविजय विद्रोही, विकास, संजय सिंह, अमित कुशवाहा, गंगाधर प्रजापति छात्र युवा शामिल रहे.

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