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मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी परीक्षा की मार्कशीट पर पासपोर्ट विभाग को भरोसा नहीं है

मार्कशीट का सत्यापन कराने के बाद शुरू होती है पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया

छात्रों को मदरसे से लेकर मदरसा शिक्षा परिषद कार्यालय तक करनी होती है भाग दौड़

गोरखपुर, 23 जनवरी। पासपोर्ट बनवाने के लिए मदरसे से मुंशी/मौलवी पास छात्रों को कई सालों से मशक्कत करनी पड़ रही है। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी परीक्षा की मार्कशीट पर पासपोर्ट विभाग को एतबार नहीं है। तभी तो पासपोर्ट आवेदन के साथ मुंशी/मौलवी मार्कशीट लगाने वालों को पहले परीक्षा पास करने वाले मदरसे से सत्यापन करवाने के लिए भेजा जाता है। पासपोर्ट विभाग यहीं बस नहीं करता। वह उप्र मदरसा शिक्षा परिषद को मार्कशीट सत्यापन के लिए एक पत्र भेजता है। सत्यापन के बाद ही आगे की प्रकिया शुरू होती है।

कुछ वर्ष पहले परिषद की मार्कशीटों में फर्जीवाड़ा सामने आया था तभी से पासपोर्ट विभाग काफी सतर्कता बरत रहा है लेकिन इस सतर्कता का खामियाजा वास्तविक मदरसा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। परिषद ने भी छात्रों को इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए अभी तक कोई पहल नहीं की है। परिषद की वेबसाइट पर करेंट वर्ष की ही मार्कशीट ऑनलाइन देखी जा सकती है। जिस वजह से 2017 से पहले पास छात्रों का सत्यापन मदरसा व परिषद से ही हो सकता है। इस वजह से छात्रों को सबंधित मदरसे से लेकर लखनऊ स्थित उप्र मदरसा शिक्षा परिषद लखनऊ के कार्यालय तक दौड़ना पड़ता है। जिसमें काफी पैसा व वक्त दोनों खर्चा होता है।
सरकार ने दी है मुंशी/मौलवी को हाई स्कूल के समकक्ष मान्यता
उप्र मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित मुंशी/मौलवी परीक्षा को हाई स्कूल के समकक्ष सरकार ने ही मान्यता प्रदान की है। मार्कशीट के पीछे बाकायदा हाई स्कूल के समकक्ष मान्यता की बात भी लिखी रहती है। उसके बावजूद मदरसा छात्रों को इस दोहरे मापदंड से गुजरना पड़ता है। इसे लेकर मदरसा संचालकों, शिक्षको व छात्रों में असंतोष है। वह कहते हैं कि जब इस डिग्री को लेकर सरकारी महकमा ही हमें संदेह की नजर से देखता है तो ऐसी डिग्री लेने से क्या फायदा। परिषद की परीक्षा में आवेदन घटने की एक वजह यह भी  है।
इसलिए जरूरी है हाई स्कूल पास मार्कशीट
जो व्यक्ति नौकरी करने के लिए कुछ चुनिन्दा देशों में जाते हैं उन्हें emigration चेक से गुज़रना पड़ता है। जिसके लिए हाई स्कूल पास होना आवश्यक है यदि उनके पासपोर्ट पर ECNR ( ECNR- Emigration Check Not Required) स्टैम्प न लगी हो तो इन देशों में रोजगार के लिए नहीं जा सकते। यह देश हैं- बहरीन ब्रूनेई, कुवैत, जॉर्डन, लिबिया, ओमान, कतर, सऊदी अरब, यूएई आदि।

मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया में मौजूद रजिस्टर बयां करता सच्चाई

मदरसा दारूल हुसैनिया दीवान बाजार में मौजूद सत्यापन रजिस्टर व सत्यापन लेटरहेड इस बात की तस्दीक करते है कि जब कोई मदरसे से पास आउट छात्र पासपोर्ट के लिए आवेदन करता हैं तो पासपोर्ट विभाग छात्र को मदरसे से मार्कशीट सत्यापित करवा कर लाने के लिए वापस भेजता है। मदरसा हुसैनिया के लिपिक मो. नसीम खान ने बताया कि इस मदरसे से पास  मुंशी/मौलवी छात्र जब सत्यापन कराने के लिए आते है तो उसका पूर्ण विवरण रजिस्टर पर दर्ज कर मदरसे के लेटरहेड पर सत्यापित कर दे दिया जाता है। वर्ष 2016 से यह प्रक्रिया चल रही है। अभी तक एक दर्जन से अधिक छात्रों की मार्कशीट सत्यापित की जा चुकी है।
अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक बदरे आलम  अंसारी ने परिषद व पासपोर्ट विभाग पर निशाना साधते हुए कहा कि लगता है सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली मुंशी/मौलवी परीक्षा पर पासपोर्ट विभाग को भरोसा नहीं है। परिषद खामियां करती है और भुगतना पड़ता है छात्र को। परिषद की मार्कशीट में खामियां भी बहुत होती है जो लोगों में संदेह उत्पन्न करती हैं। परिषद को कम से कम मार्कशीट सबंधी पिछले दस वर्षों का सारा डाटा ऑनलाइन करना चाहिए ताकि कहीं भी नेट के माध्यम से सत्यापन हो सके। मार्कशीट में हो रही खामियों को दूर करने की पहल भी करनी चाहिए। परिषद को इस ओर विश्ष ध्यान देने की जरुरत। उन्होंने बताया कि मदरसा शिक्षा परिषद लखनऊ में पासपोर्ट विभाग द्वारा भेजे गए मार्कशीट सत्यापन के लिए एक कक्ष बना हुआ है। जहां रोज सैकड़ों की संख्या में सत्यापन पत्र आते है। बाकायदा एक कर्मचारी है। जाहिर है यहां कोई काम समय से मुमकिन नहीं है। गरीब मदरसा छात्रों को शोषण का शिकार होना पड़ता है।

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