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मरहम के नाम पर नस्तर चुभोने वाला है बजट – अजय कुमार लल्लू

लखनऊ, 2 फ़रवरी। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने केन्द्रीय बजट 2018-19 को देश  का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटका कर प्रभावशाली बजट की बजाय झुनझुना वाला बजट करार दिया है. उन्होंने कहा कि न तो नवजवानों का रोजगार मिला और न ही लोगों के खाते में 15 लाख रूपये ही आये। देश  की युवा शक्ति को प्रोत्साहन देने में सरकार विफल रही है।

उन्होनें कहा कि केन्द्र सरकार अपनी सुशासन की विफलता को छुपाने का प्रयास किया है। वित्त मंत्री ने अपनी स्वीकारोक्ति में 70 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही है यदि यह सही है तो फिर प्रधानमंत्री द्वारा दो करोड़ नवजवानों को प्रतिवर्ष रोजगार देने के वादे का क्या हुआ ? बजट में शहरी मध्यमवर्ग तथा शहरी गरीबों की उपेक्षा की गयी है।

उन्होने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र के लिए दूरगामी कार्ययोजना का अभाव दिखता है। प्रधानमंत्री 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की बात विगत वर्षो से कर रहे हैं कितु धरातल पर इस क्षेत्र में थोड़ा भी प्रयास किया गया होता तो बुदेलखण्ड और पश्चिम के किसान आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं होते। अब तो सम्पन्न आलू किसान भी निराश  होने लगा है। सरकारी आंकडे खुद गवाह है कि विगत वर्ष कृषि में विकास दर मात्र 2.1 रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि  एक शायर ने कहा है कि ‘नस्तर भी चुभोते हो मरहम की तरह ’ इसी तरह से यह बजट है। महंगाई, नोटबंदी और जी.एस.टी. उपजे नकारात्मक माहौल का दबाने का प्रयास इस बजट से किया जा रहा है। पिछले वर्ष सरकार पेंशनर के लिए बायोमेट्रिक मशीन पर अपना अगूंठा लगाकर लाइफ सर्टिफिकेट देना अनिवार्य बना दिया था, अब उसको राहत दी गयी है। एक्साइज ड्यूटी कम करने से पेट्रोलियम पदार्थो के मूल्यों में कमी होगी, लेकिन अब तक देश की जनता ने जो बेतहाशा कीमतों का भुगतान किया है उसकी भरपायी कैसे होगी ? आयकर का स्लैब का नहीं बढाया जाना मध्यमवर्ग के लिए निराशाजनक है। कस्टम ड्यूटी बढाने से मोबाइल और टी.वी. सहित अन्य इलेक्ट्रानिक उत्पाद मंहगे होगें और इसका खामियाजा अंततः मध्यम वर्ग और निम्नवर्ग को भुगतना है। राजस्थान, मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़ में होने वाले विधान सभा चुनावों को ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार ने इस बजट को बनाया है।

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