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जनता और कर्मचारियों की आवाज दबाकर बिजली का निजीकरण कर रही है योगी सरकार -अजय कुमार लल्लू

लखनऊ। कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार बहुमत के बल पर जनता और कर्मचारियों की आवाज दबाकर बिजली का निजीकरण कर रही है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से एक-एक करके सरकारी विभागों का कार्य निजी हाथों में केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा देकर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है उसकी हम घोर निन्दा करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जिन 5 जनपदों- लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ तथा मुरादाबाद की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में दिये जाने का निर्णय लिया गया है उससे बिजली विभाग के कर्मचारियों, अभियंताओं तथा उनके विभिन्न संगठनों में व्यापक आक्रोश हैं।
उनका कहना है कि यह निर्णय विद्युत अधिनियम-2003 के प्राविधानों के विपरीत है। उक्त अधिनियम की धारा-14 के तहत इन जनपदों में फ्रेंचायजी दी जा रही है जबकि उक्त धारा में कहीं भी फ्रंेचाइजी का उल्लेख नहीं है। इसी अधिनियम की धारा-5 में फ्रेंचाइजी का उल्लेख ग्रामीण क्षेत्र के लिए किया गया है न कि शहरी क्षेत्र के लिए। इस प्रकार से उक्त अधिनियम के किसी भी धारा के तहत शहरी एवं लाभ के क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था फे्रंचाइजी को नहीं दी जा सकती।
इन्हीं 5 जनपदों की विद्युत व्यवस्था के सुधार के संदर्भ में भारत सरकार द्वारा ए0पी0डी0आर0पी0 और आई0पी0डी0एस0 योजना के तहत रु0 4511 करोड़ 88 लाख स्वीकृत किया था जिसके द्वारा इन जनपदों में सभी विद्युत उपकरण, ट्रांसमिषन लाइन आदि में व्यापक सुधार एवं नवीनीकरण का कार्य कराया गया है तथा यह सभी जनपद लाभ में हैं फिर यहां की बिजली को बिना विद्युत नियामक आयोग की सलाह एवं समर्थन के बिना ऐसा कार्य किया जाना यह सिद्ध करता है कि यह केवल बड़े पूजीपतियों और गुजरात से आये बड़े व्यवसायियों के हाथ में देकर उनको लाभ पहुंचाने का सरकारी प्रयास है। ऐसा जन विरोधी निर्णय करके यह सरकार अपने 324 विधायकों के बल का दंभ भर रही है तथा अनाप-षनाप कार्य कर रही है। एक-एक करके यह सरकार सभी विभागों का निजीकरण कर देगी। इस निर्णय से विद्युत कर्मचारियों, अभियंताओं के साथ ही साथ देष की 22 करोड़ जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
 अजय कुमार ने कहा कि 5 जनपदों की बिजली व्यवस्था का निजीकरण किये जाने तथा इस संबंध में सदन में ऊर्जा मंत्री का दिया गया बयान घोर निराशाजनक है। कांग्रेस पार्टी बिजली कर्मचारियों तथा प्रदेष की 22 करोड़ जनता के हितों से खिलवाड़ नहीं होने देगी। कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है तथा सदन से सड़क तक इस निजीकरण का व्यापक विरोध करेगी।

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