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दो अप्रैल भारत बन्द का भाकपा माले ने पुरजोर समर्थन किया

गोरखपुर. दलितों के साथ हो रहे लगातार भेद भाव, अन्याय व् उत्पीड़न के खिलाफ भाकपा माले  2 अप्रैल के भारत बंद का समर्थन करते हुये सड़क पर उतरेगी।
यह बातें भाकपा माले के जिला सचिव राजेश साहनी ने जिला कार्यालय में आयोजित बैठक में कही.  उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा एस सी/एस टी एक्ट को कमजोर करने के लिए लाए जा रहे संशोधन घोर दलित विरोधी है. अब तक के एससी/एसटी एक्ट में यह होता था कि यदि कोई जातिसूचक शब्द कहकर गाली-गलौज करता है, तो इसमें तुरंत मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की जा सकती थी. लेकिन अब दलितों की सुरक्षा पर सरकार की मंशा संदेहास्पद लग रही है. जाहिर है कि एससी-एसटी ऐक्ट होने के बाद भी छुआछूत में कमी नहीं आई है. सत्ता व शासन व न्याय व्यवस्था में भरे सामंती तत्वों ने दलितों को दी जाने वाली कथित संवैधानिक सुरक्षा पर से विश्वास उठा दिया है.
उन्होंने कहा कि तमाम अधिकारों व कानूनों के बावजूद देश के अलग-अलग हिस्सों में दलितों पर सामंती बर्बरता जारी है। बिहार में अब तक कि जनसंहारों के सारे आरोपियों का बरी होना और ऊना और सहारनपुर में हुआ दलितों का शोषण  इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। ऐसे में इस कानून को और मजबूती से लागू करने के बजाय इसे संशोधनात्मक तरीके से कमजोर करना देश की बहुजन आबादी के लिए एक अप्रत्याशित खतरे की तरह है। श्री साहनी ने कहा की मोदी सरकार शुरू से ही दलित विरोधी रही है। इनको लगता है कि दलितों का पढ़ना लिखना व्यवस्था के लिए खतरनाक है। ये अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाते हैं. अन्याय, भेदभाव, जातिवाद और उत्पीड़न का विरोध करते हैं। इसीलिए स्वायत्तता के नाम पर देश भर की 62 विवि को यूजीसी के दायरे से बाहर कर शिक्षा को बाजार के हवाले कर दिया गया जिससे कि गरीब छात्र विवि में पहुंचे ही न। देश के अंदर हमारी सभी संविधान सम्मत अधिकार जनविरोधी बतला कर खत्म किए जा रहे हैं।
देश के अंदर इसके प्रतिवाद में दलित संगठनों द्वारा आयोजित 2 अप्रैल की देशव्यापी बंद में भाकपा माले पूरी मज़बूती और व्यापक गोलबंदी के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए बंद में सड़कों पर उतरेगी. बैठक में जिला कमेटी सदस्य विनोद भारद्वाज, ऐपवा नेता मनोरम चौहान, सुजीत श्रीवास्तव, विनोद पासवान, जय प्रकाश यादव, हरिद्वार प्रसाद आदि लोग मौजूद रहे।

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