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लोकरंग 2018 : लोक चित्रों से सजा जोगिया

संभावना कला मंच के कलाकारों ने गांव में दीवारों, बखारों पर अपनी कल्पना के रंग भरे            

राजीव कुमार गुप्ता

जोगिया (कुशीनगर). लोकरंग 2018 की तैयारी अंतिम चरण में है। लोकरंग 2018 में लोक के रंग भरने और अपने चित्रकला एवं मूर्तिकला पक्ष की भागीदारी निभाने के लिए सम्भावना कला मंच, गाजीपुर के सिद्धहस्त चित्रकारों व मूर्तिकारों की 12 सदस्यों की टीम जोगिया गाँव पहुँच गई है। ये कलाकार इस पूरे गाँव को लोककला की शैली में इस गाँव को एक कला ग्राम में तब्दील करने में जोर-शोर से लग गये हैं और आज पूरे दिन ब्रशों और रंगों से कमाल कर दिखाये हैं।

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कलाकारों ने गाँव की दीवारों, लोगो के बखारों पर लोक चित्र उकेर कर पूरे गाँव का माहौल कलामय कर दिया। जैसे पूरा गाँव लोक कला प्रदर्शनी स्थल हो और दीवारे कैनवास। कलाकारों ने ग्रामीणों के बखारो, उपेक्षित पड़ी जगहों को अपनी कला का स्पेस बनाया और देखते-देखते पूरा गाँव एक कला गाँव के रूप में दिखने लगा।

लोक कला जो आज आमजन से कटती जा रही है केवल संग्रहालयों और सरकारी आयोजनों को सजाने और शोभा की चीज बनाने का प्रयास किया जा रहा है वहीं पर इस लोकरंग कार्यक्रम तथा सम्भावना कला मंच के इन तमाम कलाकारों द्वारा आमजन को जोड़ने हेतु आमजन के रूप–उनके सुख-दुःख को उकेरने का प्रयास किया जा रहा है।

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सम्भावना कला मंच की टीम अपने स्थापना के समय से ही लगातार 10 वर्षो से कला के जनपक्षधर रूप पर जोर देती रही है। ऐसे परिस्थितियों में गाँवों से लेकर दिल्ली जैसे बड़े-बड़े शहरों तक अपने चित्रों को प्रदर्शित करने तथा आम जन के सवालों को रेखांकित कराती रही है।

मंच के संयोजक- डॉ. राज कुमार सिंह ने बताया कि ये कलाकार पिछड़े ग्रामीण इलाको में भी पैदा होते है केवल दिल्ली में ही नहीं। कला समीक्षक वो भी है जो जीवन के जरुरी कार्यो को संपादित करते है। यह घर को घर से आदमी को आदमी से जोड़ने और जीवन धर्मी कला-बोध को विकसित करने की दिशा में लोकरंग एक विनम्र प्रयास है।

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 इस बार यह लोकरंग कार्यक्रम कवि रमाकांत द्विवेदी ‘रमता’ जी को समर्पित है तो इस बार यहाँ ‘रमता जी’ के कविताओं के ऊपर आधारित भित्ति चित्र, कविता चित्र पोस्टर एवं मूर्तिशिल्प को बनाने और लोगो के बीच प्रदर्शित करने की तैयारी है।

  इस बार इस चित्रकारों और मूर्तिकारो में- डॉ. राज कुमार सिंह, राजीव कुमार गुप्ता, आशीष गुप्ता, कृष्णा कुमार पासवान, सपना सिंह, मीरा वर्मा, चन्दन यादव, नूपुर वर्मा, राहुल यादव, सीमा सिंह, इन्दु गुप्ता एवं उत्कर्ष आदि हैं जो कि मूलरूप से आधुनिक कलाकार हैं इस महती काम को बेहतरीन तौर पर अंजाम दे रहे हैं।

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आकर्षण चटख रंग, गतिशील लहरदार जीवंत रेखाएं और सुसज्जित एवं संयोजित आकृतियाँ जैसे प्रेक्षको को बरबस अपनी ओर खीचती है। सधी हुई बाह्य रेखाएं चित्रकारों की सिद्धहस्तता का प्रमाण है ।

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