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हाईकोर्ट ने पूछा- ब्लैक लिस्ट संस्था में पुलिस क्यों पहुंचाती थी लड़कियां, एडीजी करें जांच


इलाहाबाद हाईकोर्ट में देवरिया बालिका गृह मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई
सीबीआई को 13 अगस्त तक मामले की विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का निर्देश

इलाहाबाद, 8 अगस्त; इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज देवरिया बालिका गृह मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि जब मां विंध्यवासिनी बालिका गृह ब्लैक लिस्ट संस्था है तो पुलिस यहां रेस्क्यू की गयी लड़कियों को रखने के लिये क्यों पहुंचाती थी कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई को मामले की विस्तृत रिपोर्ट 13 अगस्त तक कोर्ट में जमा करने के निर्देश दिया . मालूम हो कि सीएम योगी ने इस मामले कि सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे जिसके बाद कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच करवाने की मांग को लेकर याचिका दायर की गयी है.

यह याचिका सामजिक कार्यकर्ता डॉ पद्मा सिंह और अनुराधा ने दाखिल की है. जिसकी सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस डी बी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग करने का फैसला लिया . इसी क्रम में सीबीआई से सुनवाई की अगली तारीख 13 अगस्त को कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है.

गोरखपुर न्यूज लाइन को हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के के राय ने बताया कि कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा यदि संस्था की मान्यता 2017 में रद हो गयी थी तो कैसे इसका संचालन हो रहा था. बिना पुलिस के संरक्षण और राजनेता व वीआईपी की सरपरस्ती के इसका संचालन नहीं हो सकता. कोर्ट ने पूछा कि आखिर किसके संरक्षण में चल रहा था शेल्टर होम. जब संस्था ब्लैक लिस्टेड थी तो पुलिस क्यों पहुचाती थी संस्था में लड़कियां? पुलिस पर कार्यवाही क्यों नही की गयी. कोर्ट ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार ने एडीजी गोरखपुर को लगाया है जो पुलिस की भूमिका की जाँच भी करेगे. श्री राय ने बताया कि कोर्ट ने आदेश दिया कि बालिका गृह से मुक्त कराई गयी सभी बालिकाओं का बयान रिकार्ड कर 13 अगस्त की सुनवाई के समय प्रस्तुत किया जाय. कोर्ट ने एक अधिवक्ता द्वारा दिये गए अखबारों में छपी खबरों का भी स्वतः संज्ञान लिया.
कोर्ट ने राज्य सरकार से किये ये सवाल

-कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या इस सेक्स रैकेट के पीछे राजनेता व वीआईपी तो नहीं है.
-कोर्ट ने ये भी पूछा कि किसके संरक्षण में सेल्टर होम में सेक्स रैकेट चल रहा था.
-हाई कोर्ट ने ये भी जानना चाहा कि जब संस्था ब्लैक लिस्टेड थी, तो पुलिस संस्था में लड़कियां क्यों पहुचाती थी.
-कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को भी आरोपी माना और पूछा कि पुलिस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई.
-कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि सेल्टर होम में रोज किसकी कारें आती थीं.
-कोर्ट ने पूछा कि लडकियों को संरक्षण गृह से कौन ले जाता और सुबह वापस लाता था

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