स्वास्थ्य

बी.आर.डी. मेडिकल कालेज में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर और सीआरसी का शिलान्यास

 

गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सितम्बर को बी.आर.डी. मेडिकल कालेज परिसर में 84 करोड़ की लागत से आर.एम.आर.सी. (रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर) तथा 20 करोड़ की लागत से बनने वाले सी.आर.सी. (समेकित क्षेत्रीय केंद्र, दिव्यांगजन) का शिलान्यास किया।  उन्होंने आई बैंक का लोकार्पण तथा स्व0 कुंवर बहादुर कौशिक द्वारा लिखित पुस्तक ’’हेमू विक्रमादित्य’’ का विमोचन भी किया।

इस मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा  और सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता मंत्री थावर चन्द गहलोत भी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर निर्माण एजेंसी को निर्देश दिये कि दोनों परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा 2020 के अन्तर्गत गुणवत्तायुक्त ढंग से पूरा किया जाय.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोई आई बैंक नही था. यह आई बैंक पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला है.

उन्होंने कहा कि  पूर्वान्चल पिछले 40 वर्षों से इंसेफलाइटिस जैसी बीमारी से त्रस्त रहा. इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य से आर.एम.आर.सी. का शिलान्यास किया गया है. यह संस्थान स्वास्थ्य शोध की समग्र स्थिति में सुधार एंव क्षमता निर्माण के विषय में कार्य करेगा और विभिन्न चिकित्सा संस्थानों को अनुसंधान के क्षेत्र में क्षमता निर्माण करेगा. यह शोध सेन्टर में पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा.

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इंसेफलाइटिस बीमारी से पीड़ित बच्चों की मृत्यु दर 20 से 25 प्रतिशत है और जो बच्चे बचते है उसमें अधिकांश बच्चे शारीरिक रूप से दिव्यांगता के शिकार होते है. इस स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सी.आर.सी. की स्थापना की जा रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 250 करोड़ की लागत से 8 सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल बनकर तैयार हो गया है जिसे अगले माह लोकार्पित किया जायेगा. एम्स का निर्माण काफी तेजी से हो रहा है. वर्ष 2020 तक एम्स पूर्ण रूप से संचालित हो जायेगा. उन्होंने बताया कि शीघ्र ही 500 बेड का बाल रोग संस्थान भी प्रारम्भ हो जायेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के लिए 13 नये मेडिकल कालेज दिये है. बी.एच.यू. को एम्स के स्तर का बनाने के लिए भी कार्य किया जा रहा है.

इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने सीतापुर चिकित्सालय में अस्थायी रूप से निर्मित समेकित क्षेत्रीय केन्द्र (दिव्यांग जन) का लोकार्पण किया तथा विभिन्न कमरों में जाकर वहां की व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया. यह केन्द्र अभी अस्थायी रूप से सीतापुर नेत्ऱ चिकित्सालय में संचालित होगा और मेडिकल कालेज में भवन तैयार होने के उपरान्त वहां पर शिफ्ट होगा.

बी.आर.डी. मेडिकल कालेज में आयोजित जनसभा की अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता मंत्री थावर चन्द गहलोत ने कहा कि एक राज्य में एक सी.आर.सी. होता है लेकिन उ0प्र0 में दो सी.आर.सी. की स्थापना की गयी है जिसमें एक लखनऊ में तथा दूसरा गोरखपुर में होगा. उन्होंने दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए एक्ट बनाया गया है जिसकी अन्य देशों में भी सराहना की जा रही तथा उसकी मांग हो रही है. प्रदेश में लगभग 3000 कैम्प आयोजित कर लाखों की संख्या में दिव्यांगों को लाभान्वित किया गया है. उन्होंने बताया कि 3 लाख दिव्यांगों को कौशल प्रशिक्षणा तथा 7 लाख दिव्यांगों को 3 से 4 प्रतिशत की दर पर ऋण उपलब्ध कराया गया है और कौशल प्रशिक्षण के तहत 2000 का मानदेय भी दिया जाता है.

विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि 84 करोड़ की लागत से बनने वाले इस इस रिसर्च सेन्टर में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होगी जो बीमारियों की जानकारी देने में सहयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने निपाह वायरस के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि समय से निपाह वायरस के बारे में जानकारी मिल जाने से सही इलाज में लोगों को सहायता मिली यह वायरोजी सेन्टर की देन है। यह ताकत अब गोरखपुर को मिलने जा रही है। गोरखपुर में जेई/एइएस से बचाव के लिए मुख्यमंत्री ने लगातार कार्य किया है जिसके कारण केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री को 5 बार गोरखपुर आना पड़ा.

इस अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एंव प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, विधायक , महापौर, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य रजनीश दूबे, हेल्थ रिसर्च के सचिव डा0 बलराम भार्गव, मण्डलायुक्त अमित गुप्ता, जिलाधिकारी के0विजयेन्द्र पाण्डियन तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

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