जनपद

खसरा और रूबेला टीकाकरण अभियान के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया

महाराजगंज . 26 नवंबर से शुरू होने वाले खसरा और रूबेला टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए जनपद में ज़ोरों से तैयारियां चल रही हैं. इसी क्रम में सोमवार को बीआरसी घुघली में खसरा और रूबेला अभियान के अंतर्गत शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।

इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी घुघली श्याम सुंदर पटेल, डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी, वीरेंद्र यादव, रिजवानुलह खान, परमानंद विश्वकर्मा और टीकाकरण के लिए नामित चिकित्साधिकारी डॉ महेंद्र कुमार पटेल द्वारा बच्चों को खसरा और रूबेला से बचाने वाले टीका के बारे में अवगत कराया गया, जिससे वह घर जाकर अपने अभिभावकों को इस नए टीके के बारे में जागरूक कर सके।

इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी श्याम सुंदर पटेल ने कहा कि खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान में 9 माह से 15 वर्ष तक के हर बच्चे का प्रतिरक्षण करने के लिए हर तरह के स्कूल-सरकारी व गैर सरकारी, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक तथा इण्टर कॉलेज, प्ले स्कूल, क्रेच, बचपन स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, स्पेशल स्कूल, मदरसा, आदि अभी तरह के स्कूल कवर किए जा रहे हैं जिससे एक भी बच्चा एमआर का टीका से वंचित होकर इन बीमारियों के वायरस का शिकार न हो पाए।

इस अवसर पर डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी ने बताया कि खसरा एक जानलेवा रोग है जो वायरस से फैलता है। खसरा रोग के कारण बच्चों में विकलांगता हो सकती है जिसके कारण असमय मृत्यु भी हो सकती है। प्रतिवर्ष भारत में 49200 बच्चों की मृत्यु खसरा से हो जाती है। साथ में यह भी बताया कि रूबेला वाइरस फैलने वाला संक्रामक रोग है जिसमें बुखार, मिचली, आंखों में लालपान के लक्षण दिखाई पड़ते है। उन्होंने बताया कि यदि गर्भावस्था के आरम्भ में रुबेला वाइरस संक्रमित हो गई महिला में जन्मजात रुबेला सिंड्रोम हो सकता है जो उसके गर्भ में पालने वाले भ्रूण एवं नवजात शिशू के लिए बेहद गंभीर हो सकता है।

डॉ महेंद्र कुमार पटेल ने बताया कि खसरा और रूबेला ऐसी बीमारी है जिनके बचाव के लिए टीकाकरण की आवश्यकता होती है। देश में सरकार और चिकित्सकों की मेहनत से इस बीमारी के टीका लगाने की पहल जारी की है। उन्होने बताया कि पूरे देश में टीकाकरण अभियान चलाकर इस बीमारी से देश को मुक्ति दिलाई जाए, इसी सिलसिले में प्रदेश में यह अभियान 26 नवंबर 2018 से शुरू किया जा रहा है। उन्होने सभी से अपील करते हुये कहा कि अपने 9 माह से 15 साल तक के सभी बच्चों को यह टीका जरूर लगवाएँ।

बीआरसी समन्वक परमानंद विश्वकर्मा ने बताया कि बच्चों के बेहतर भविष्य और उन्हें खतरनाक, संक्रामक व जानलेवा बीमारियों से बचाने के क्रम में यह सुनिश्चित किया गया कि वर्ष 2020 तक भारत के हर 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चे को “खसरा-रूबेला का 1 टीका ” देकर 1 साथ 2 खतरनाक वायरस का शिकार होने से बचाया जाये। साथ ही चेचक, पोलियो व नवजात टिटनस के वायरस को भारत से खत्म करने के बाद इन दोनों जानलेवा वायरस खसरा-रूबेला को भी देश से खत्म किया जाये।

शिक्षक वीरेंद्र यादव ने बताया कि जिले के 9 माह से 15 वर्ष के लगभग 4 लाख बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया हैं। इस अभियान में 9 माह से 15 वर्ष तक के 100% बच्चों को “MR” के टीके के जरिये खसरा-रूबेला से बचाना है और इस उम्र के अधिकतर बच्चे स्कूलों में होंगे, तो प्रथम 2 सप्ताह तक स्वास्थ्य विभाग की प्रशिक्षित टीमें हर स्कूल के हर बच्चे को एमआर का एक टीका देने को स्कूलों में प्लान के अनुसार निश्चित दिवस को पहुचेंगी। शिक्षक रिजवानुलाह खान ने बताया कि सभी स्कूल कवर करने के पश्चात अगले दो सप्ताह तक ऐसे बच्चों को “MR” का टीका दिया जाएगा जो बच्चे स्कूल नहीं जाते। इस अवसर पर सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक उपस्थित रहे।

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