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नेपाल ले जाये जा रहे चार बच्चे मानव तस्करों से मुक्त कराये गये, दो मानव तस्कर गिरफ्तार

बहराइच.चार बच्चों को नेपाल ले जा रहे दो मानव तस्कर बहराइच जिले में नेपाल सीमा पर पकड़ लिए गए. बच्चों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराने में सामाजिक संस्था डेवलपमेंटल एसोसिएशन फार ह्यूमन एडवांसमेंट (देहात) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

देहात उत्तर प्रदेश की भारत-नेपाल सीमा पर विगत दो दशकों से बाल अधिकारों व मानव तस्करी के मुद्दे पर कार्य कर रहा है. देहात के कार्यकर्ताओं की 20 फ़रवरी को सुचना मिली कि कुछ मानव तस्कर कुछ बच्चों को लेकर भारतीय क्षेत्र से नेपाल की ओर जाने वाले हैं. देहात संस्था के मुख्य कार्यकारी जितेंद्र चतुर्वेदी ने भारत-नेपाल सीमा पर तैनात टीम को तुरंत सक्रिय करते हुए सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.

सशस्त्र सीमा बल की ओर से उप कमांडेंट जयप्रकाश के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक बिपेंद्र कुमार सिंह, आरक्षी मोहन, सतनाम सिंह, उषा प्रकाश व सुहाना और देहात संस्था की ओर से पवन यादव एवं देवेश अवस्थी नेपाल बार्डर पर सक्रिय हो गए. कुछ देर बाद दो मानव तस्कर 4 बच्चों को लेकर सीमा पर पहुंचे, जांच की गयी तो चारों बच्चे नाबालिग निकले. बच्चों की आयु 11 से 16 वर्ष थी. बच्चों को नेपाल ले जा रहे हरेलाल पुत्र छोटेलाल निवासी-बिहारीपुरवा, थाना- निघासन, जिला-लखीमपुर खीरी व विनोद चौरसिया पुत्र नत्थेलाल निवासी-लहरपुर कटरा, जिला-सीतापुर को गिरफ्तार कर लिया गया.

बहराइच के पुलिस अधीक्षक डा0 गौरव ग्रोवर के निर्देश पर सशस्त्र सीमा बल की तहरीर पर थाना-रूपैडीहा, बहराइच में धारा -371 एवं बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम की धारा-16 के तहत केस दर्ज कर दोनों मानव तस्करों को जेल भेज दिया गया.

देहात संस्था की चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम व स्वरक्षा टीम द्वारा बच्चों को बाल कल्याण समिति न्यायपीठ में प्रस्तुत किया गया. अभी बच्चे देहात संस्था के संरक्षण में है और इन्हें इनके परिजनों को लखीमपुर में सौंपने की तैयारी है.

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