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पानी और किसानी पर सरकार की वादा खिलाफी के खिलाफ आज मशाल जुलूस

गोरख्रपुर। पूर्वांचल की पानी और किसानी के सवाल पर सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ विभिन्न संगठन आज शाम 4 बजे से चेतना तिराहे से मशाल जुलूस निकालेंगे।

यह जानकारी आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने एक विज्ञप्ति में दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसानों की रैली को सम्बोधित करने गोरखपुर आ रहे हैं जबकि उनकी सरकार किसानों से जुड़े सभी मुद्दों पर अपने ही किए गए वादे पर फेल साबित हुई है। पूर्वांचल के किसानों की बुरी हालत है। उत्तर प्रदेश में चालू सत्र का गन्ना बकाया सात हजार करोड़ से अधिक हो गया। पिछले सत्रों के बकाए की बात तो दूर है। मोदी सरकार ने गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन के अंदर करने का वादा किया था। केन्द्र और यूपी सरकार इस मुद्दे पर फेल साबित हुई है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में बार-बार घोषणा की थी कि पूर्वांचल की सभी बन्द चीनी मिलों को तुरन्त चलायेंगे लेकिन पांच वर्ष बाद भी पूर्वी उत्तर प्रदेश की 24 चीनी मिलों में से 17 बन्द हैं। कुशीनगर में लक्ष्मीगंज और देवरिया में बैतालपुर चीनी मिल को चलाने के लिए दो महीने से आंदोलन चल रहा है लेकिन सरकार और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी किसानांे से बातचीत करने तक नहीे गए। महराजगंज में गड़ौरा चीनी मिल को न चलने देने के लिए सरकार ही जिम्मेदार है। वहां के हजारों किसानों का गन्ना खेत में सूख रहा है।

श्री सिंह ने मानबेला और गीडा में किसानों की जमीन को जबर्दस्ती अधिग्रहीत करने और उसका मुआवजा नहीं दिए जाने का भी मुद्दा उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री को इन सवालों का जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए मानबेला के किसानों की अधिग्रहित जमीन के मुआवजे की मांग को उचित बताने वाले जब सत्ता में आ गए तो उन्हें किसानों की की मांग अनुचित लगने लगी है। उन्होंने कहा कि आमी नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए वर्षों से स्वीकृत कामन ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए जरूरी धन देने से केन्द्र और राज्य सरकार पीछे हट रही है।उन्होंने कहा की मशाल जुलुस में गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया के किसान संगठन, सामाजिक संगठन भाग लेंगे.

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