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‘ हमें किसान सम्मान निधि नहीं चाहिए, हमारा गन्ना कैसे गिरेगा ये बताइए ’

कुशीनगर. खेत में सूख रहा गन्ना और बकाया गन्ना मूल्य भुगतान का मुद्दा लोकसभा चुनाव में भाजपा पर भारी पड़ने जा रहा है. गर्मी बढ़ने के कारण किसान जल्द से जल्द गन्ना चीनी मिलों पर गिरा लेना चाहता है लेकिन उसे पर्ची ही नहीं मिल रही है. छितौनी क्षेत्र के 25 लाख क्विंटल गन्ने में से अभी तक सिर्फ 30 फीसद गन्ना ही चीनी मिलों को जा पाया है. शेष गन्ना अभी भी खेतों में सूख रहा है.

कैलाश

छितौनी केन यूनियन से 25 हजार किसान जुड़े हुए हैं. समिति ने 25 लाख कुन्तल गन्ना सप्लाई के लिए ढाढा, रामकोला पंजाब, कप्तानगंज व खड्डा चीनी मिल से अनुबन्ध किया है लेकिन अभी तक 30 फीसदी फीसदी गन्ना ही चीनी मिलो को सप्लाई हो पाई है.

मेढई

सालिकपुर रेता निवासी गन्ना किसान मेढई ने बताया कि उनके पास तीन एकड़ गन्ना है लेकिन पड़ताल सिर्फ 21 ट्रेलर का हुआ है. अभी तक मात्र 6 ट्रेलर ही गन्ना गिर पाया है.

महदेवा दियारे के कैलाश ने बताया कि उन्होंने साढे तीन एकड़ में गन्ना बोया है. अभी तक चार ट्रेलर ही गन्ना गिरा पाए हैं. उन्हें सात पर्ची और मिले तब गन्ना गिर पायेगा. गन्ना सूखने से परेशान होकर क्रेसर पर लगभग 100 कुन्तल गन्ना मात्र 140 प्रति कन्तल की दर से बेच चुका हूॅ.

कलावती

मलहिया निवासी कलावती ने कहा कि उसके पास 12 कट्ठा गन्ना है. मिल गेट की एक पर्ची मिला है. शेष गन्ने की पर्ची कब मिलेगी, नहीं पता.

इसहाक अंसारी

बुलहवा निवासी इसहाक अंसारी ने सालिकपुर रेता में एक बीघे में गन्ना लगाया है. उन्हें अभी तक एक भी पर्ची नही मिली है. उनसे जब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि अभी तक बैंक खाते में पैसा नही आया है. उन्हें किसान प्रोत्साहन राशि की नहीं अपने गन्ने को चीनी मिल पर गिराने की चिंता है.

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