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अल्लाह की रज़ा के लिए अंतिम दिन भी हुई कुर्बानी

गोरखपुर। तीन दिनों तक चलने वाले ईद-उल-अज़हा पर्व के अंतिम दिन बुधवार को मुस्लिम घरों व चिह्रित सामूहिक कुर्बानी स्थलों पर कुर्बानी दी गई। इसी के साथ ईद-उल-अज़हा पर्व का समापन हो गया।

सुबह से शुरु हुआ कुर्बानी का सिलसिला शाम तक चला। पिछले दो दिनों के मुकाबले तीसरे दिन कम तादाद में कुर्बानी हुई। सभी मस्जिद में हर फर्ज नमाज के बाद तकबीर-ए- तशरीक पढ़ने का सिलसिला जारी है। तकबीर-ए-तशरीक पढ़ने का सिलसिला गुरुवार को असर की नमाज तक चलेगा। मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार आदि कई जगहों पर बड़े की कुर्बानी दी गई।

तीसरे दिन भी कुर्बानी स्थलों पर गोश्त लेने वाले मौजूद रहे। कुछ कुर्बानी कराने वाले लोगों ने पूरा गोश्त गरीबों व देहात से आये लोगों में तकसीम कर दिया। तीन रोज तक हुई कुर्बानी से जहां गरीब तबके को मुफ्त में गोश्त खाने को मिल पा रहा है, वहीं पशुपालकों, बूचड़ों-कसाईयों, पशुओं व चमड़े को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाले गाड़ी वालों, चारा व पत्ते बेचने वालों, रोटियां बनाने वाले होटलों, चमड़ा फैक्ट्रियों को लाभ हुआ है।

मेहमान नवाजी का सिलसिला बदस्तूर जारी है। लजीज व्यंजनों से मेहमानों का इस्तकबाल किया जा रहा हैं। मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर), मुफ्ती खुर्शीद अहमद मिस्बाही (काजी-ए-गोरखपुर), मुफ्ती मो. अजहर शम्सी (नायब काजी गोरखपुर), हाफिज नजरे आलम कादरी, मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही, मो. आज़म, नवेद आलम, मनोव्वर अहमद, अलाउद्दीन निज़ामी, इं. सेराज अहमद, रमज़ान अली, हाजी सोहेल अहमद, सैयद मेहताब अनवर, खुर्शीद अहमद आदि ने शांति व उत्साह के साथ पर्व समापन पर जिला प्रशासन, नगर निगम व अवाम का शुक्रिया अदा किया है।

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