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हजरत उमर व शहीद-ए-कर्बला की याद में खुला मकतब

गोरखपुर। तंजीम कारवाने अहले सुन्नत की ओर से शनिवार को अमीरुल मोमिनीन हजरत सैयदना उमर रजिल्लाहु अन्हु व शहीद-ए-कर्बला की याद में छोटे काजीपुर निकट गौसिया मस्जिद में ‘मकतब इस्लामियात’ की नई शाखा खोली गई।

मुख्य अतिथि गौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा कि दीन का इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द औरत पर फर्ज है। उन्होंने कहा कि मुहर्रम बातिल के ऊपर हक की जीत, जुल्मत (अंधेरा) पर नूर के गालिब आने का महीना है। मुहर्रम में जन्नती जवानों के सरदार हजरत सैयदना इमाम हुसैन व आपके साथियों ने तीन दिन भूखे-प्यासे रहकर कर्बला के तपते रेगिस्तान में अज़ीम शहादत पेश कर दीन-ए-इस्लाम का झंडा बुलंद किया।

हजरत उमर की शान बयान करते हुए कहा कि हजरत उमर पर यूरोपीय लेखकों ने कई किताबें लिखी हैं तथा हजरत ‘उमर महान’ की उपाधि दी है। मुसलमान हजरत उमर को फारूक-ए-आज़म तथा अमीरुल मोमिनीन भी कहते हैं।

विशिष्ट अतिथि मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने तालीम की फज़ीलत बयान करने के बाद कहा कि माह-ए-मुहर्रम बरकत व अजमत वाला है। मुहर्रम की 10वीं तारीख जिसे आशूरा कहा जाता है बहुत ही फज़ीलत वाली है। तंजीम के सदर मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने कहा कि मकतब इस्लामियात की इस शाखा में बड़ों को दीन-ए-इस्लाम की तालीम दी जायेगी।

कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत-ए-कुरआन व नात-ए-पाक से की हुई। अंत में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई।

इस मौके पर शफकत अली खान, मुफ्ती अख्तर हुसैन, मौलाना असलम रज़वी, मनोव्वर अहमद, अलाउद्दीन निज़ामी, हाफिज अबुल कलाम, हाफिज मो. अज़ीम आदि मौजूद रहे।

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