स्वास्थ्य

देवरिया में कालाजार ने दी दस्तक, दवा का छिड़काव शुरू

 पहली नवम्बर तक चलेगा अभियान 

देवरिया ।  कालाजार की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह चौकस है। इसे लेकर मलेरिया विभाग ने टीम गठित कर कालाजार  प्रभावित गांवों में सिंथेटिक पाराथ्वोराइड दवा का छिड़काव शुरू कर दिया है जो पहली नवम्बर तक चलेगा। 

 कालाजार के रोकथाम के लिए चलाये जा रहे इस अभियान की शुरुआत बनकटा ब्लाक से हुई। इसके लिए मलेरिया विभाग ने छिड़कावकर्मियों को प्रशिक्षित भी किया है। जिले के सात ब्लाक के गांवों में अभियान के तहत छिड़काव किया जायेगा।

स्वयंसेवी संस्था पाथ के जिला समन्वयक डॉ॰ ज्ञान व डब्ल्यूएचओ के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ॰ सागर और जिला वीबीडी परामर्शदाता डॉ एसके पांडेय  ने इस कार्य में लगे लोगों को प्रशिक्षण दिया। इस दौरान छिड़काव करने वाले कर्मियों को उनके चिन्हित गांव में किस तरीके से कार्य करना है इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि बताया कि कालाजार के मरीजों की जांच आरके 39 किट से की जाती है और पॉजिटिव पाए जाने पर जिला मुख्यालय लाया जाता है। उन्होंने बताया पीकेडीएल मरीज को 4000 रुपए और वीएल मरीज को 500 रुपए भी दिये जाते हैं। छिड़काव का कार्य जनपद के कालाजार प्रभावित  बनकटा, पथरदेवा, भटनी, भलुअनी, महेन, देसई देवरिया, भाटपाररानी  ब्लाक में होगा।

मलेरिया अधिकारी ने बताया कि कालाजार के पाए गए मरीजों की जांच के लिए किट उपलब्ध है जिससे मरीजों की जांच कर पॉज़िटिव आने पर इलाज शुरू किया जाता है।

चार वर्षों में बढ़ा मरीजों का ग्राफ  

जिला मलेरिया अधिकारी एसपी तिवारी ने बताया कि पिछले चार वर्षों में कालाजार के मरीजों का आंकड़ा बढ़ा है।  वर्ष 2015 मेंकालाजार के 5 मरीज, 2016 में 15  मरीज , 2017 में 29 मरीज, 2018 में 41 मरीज कालाजार के मरीज मिले है। वर्ष 2019 में  अबतक 22  कालाजार के मरीज मिले हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष  2015 में एक्टिव सर्च टीम सक्रिय हुई और डोर टू डोर प्रभावित गांवों में भ्रमण करना शुरू किया. अब किट रैपिड के जरिए रोगियों की पहचान कर जिला अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है। 

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