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मंडलीय कारागार में आठ घंटे तक बवाल, कैदियों ने डिप्टी जेलर और चार बंदीरक्षकों को पीटा

गोरखपुर। गोरखपुर मंडलीय जेल में शुक्रवार को कैदियों ने आठ घंटे तक बवाल किया. क्राइम ब्रांच के सीओ द्वारा जेल में आकर दो कैदियों को पीटने और जेल में खाने से लेकर अन्य सुविधाओं की खराब हालात से आक्रोशित कैदियों ने डिप्टी जेलर और चार बंदीरक्षकों को पीट दिया और जेलर से भी हाथापाई की. कैदियों ने तोड़फोड़ व पथराव भी किया.

सुबह 6.30 बजे से शुरू हुआ बवाल बड़ी मुश्किल से आठ घंटे बाद दोपहर दो बजे बंद हुआ. इस दौरान डीएम, एसएसपी सहित सभी बड़े पुलिस अधिकारी हालात को संभालने के लिए जेल पहुंचे.

गोरखपुर मंडलीय जेल में बवाल तब शुरू हुआ जब सुबह 6.30 बजे कैदियों की गिनती के लिए बैरक खोले गए. बैरक खुलते ही कुछ कैदियों ने क्राइम ब्रांच के सीओ प्रवीण सिंह द्वारा जेल में आकर दो कैदियों के साथ पूछताछ के नाम पर मारपीट का मुद्दा उठाया. बातचीत और बहस के दौरान आक्रोशित कैदियों ने डिप्टी जेलर प्रभाकांत पांडेय और चार बंदीरक्षकों पर हमला कर दिया और उन्हें जमकर पीटा. जेलर प्रेमसागर शुक्ला जब स्थिति संभालने गए तो उनके साथ भी हाथापाई की गई.

जब जेल के बंदीरक्षक हाालात काबू करने में विफल हो गए तब डीएम और एसएसपी को घटना की सूचना दी गई। दो घंटे के अंदर डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी भारी पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंच गए. डीएम और एसएसपी ने ड्रोन कैमरे से जेल के अंदर के हालात का जायजा लिया. इसके बाद एडीएम सिटी और एसपी सिटी जेल के अंदर गए और कैदियों से बात की. कुछ देर बाद दोनो अफसरों ने लौटकर बताया कि स्थिति सामान्य हो गई है.

इसके बाद अफसर जेल से लौटने लगे लेकिर आधे घंटे बाद फिर बवाल शुरू हो गया. जेल के अंदर किचन व अन्य स्थानों पर तोड़फोड़, आगजनी व पथराव की खबरें आने लगीं। दमकल की गाड़ियों को भी बुला लिया गया। बड़ी मुश्किल से दोपहर दो बजे तक हालात सामान्य हो पाए. दोपहर ढाई बजे प्रशासन और पुलिस के अफसर बाहर आए और कहा कि स्थिति सामान्य हो गई है.

अफसरों से बातचीत में कैदियों ने सीओ क्राइम ब्रांच द्वारा दो कैदियों कोईल यादव और गोविंद यादव के साथ मारपीट करने के अलावा खाने में पतली दाल, कच्ची रोटी दिए जाने की शिकायत की. पूछताछ और पिटाई के मुद्दे पर सीओ क्राइम प्रवीण सिंह का कहना है कि वह अदालत के आदेश पर जेल के अंदर कैदियों से पूछताछ करने गए थे.

जेल में बवाल की सूचना मिलने पर डीआईजी जेल बीपी त्रिपाठी भी दोपहर दो बजे मंडलीय कारागार पहुंचे और उन्होंने घटना के सम्बन्ध में रिपोर्ट तैयार की. वह रात 8.30 बजे तक जेल के अंदर रहे.

गोरखपुर मंडलीय कारागार की क्षमता 800 कैदियों की है लेकिन यहाँ 1900 से अधिक कैदी है. बंदियों को बहुत खराब हालात में रहना पड़ रहा है. उन्हें ठीक से सोने तक की जगह नहीं मिल पा रही है. टायलेट के लिए भी उन्हें काफी मुसीबत उठानी पड़ती है. भोजन की गुणवत्ता खराब है. इन कारणों से बंदियों में नाराजगी है.

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