स्वास्थ्य

देवरिया में दो बच्चों के दिल का इलाज कराएगा स्वास्थ्य विभाग 

-बैतालपुर ब्लाक के निवासी इन दोनों बच्चों के दिल में छेद है 

-इलाज के लिए बच्चों को केजीएमयू ले गई टीम  

देवरिया । राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके ) के तहत जल्द ही स्वास्थ्य विभाग 2 बच्चों के दिल का इलाज कराने जा रहा है। ये ऐसे बच्चे हैं, जिनके दिल में बचपन से छेद है। इलाज के बाद यह बच्चे सामान्य जीवन बिता सकेंगे।

इसे नियति का क्रूर खेल ही कहेंगे कि एक मासूम जब अपनी मां की कोख से जन्म लेता है तो वो साथ में दिल के छेद की बीमारी साथ लेकर पैदा होता है। यह जब किसी गरीब मां-बाप के साथ हो जाये तो वो मंजर ओर भी खतरनाक हो जाता है। यही वाकया बैतालपुर ब्लाक के करमइल बनरही के संजय यादव व विक्रम विशनपुर गांव  के संतोष कुमार के साथ हुआ। तीन साल पहले संजय यादव के घर बेटी प्रिया का जन्म हुआ। वहीँ पांच वर्ष पहले संतोष के घर बेटे शशि का जन्म हुआ। जैसे-जैसे प्रिया और शशि बड़े हुए तो चलने पर दोनों की सांस फूलने लगती। संजय यादव व संतोष ने अपने- अपने बच्चों की चिकित्सकीय जांच करवाई तो पता चला कि उनके   दिल में छेद है, जो जन्म से ही है। दोनों बच्चों के परिजनों ने  बच्चों को डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने जांच कर बताया कि बच्चे के दिल में छेद हैं, ऑपरेशन करवाना पड़ेगा। जो बड़े शहरों में ही होगा और प्राइवेट अस्पताल में इस ऑपरेशन पर लाखों रूपया खर्चा आएगा। यह सुनकर बच्चों के परिजन संन्न रह गए। दोनों परिवारों  ने आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपने पास इलाज के लिए पैसा नहीं होना बताया तो डॉक्टर ने आरबीएसके कार्यक्रम के बारे में बताया। बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बैतालपुर में भर्ती कराया गया।  जहां राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डॉ. जयप्रकाश सिंह, डॉ अमृता गुप्ता, डॉ अल्पना राव  और उनकी टीम बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए पहुंची। आरबीएसके टीम प्रिया व शशि की जांच कर और पूर्व में हुई चिकित्सकीय रिपोर्ट के आधार पर उन्हें  हार्ट सर्जरी के लिए केजीएमयू ले गई। टीम द्वारा समस्त निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने के बाद 19 अक्टूबर को दोनों बच्चों को सर्जरी के लिए बुलाया गया है।

जिले में काम कर रही 32 टीमें  

आरबीएसके के जिला नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. राजेंद्र सिंह ने बताया कि आरबीएसके टीम ने 2 बच्चे चिह्नित किए हैं। ऑपरेशन के लिए विभाग की ओर से भुगतान किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत जिले में 32  टीम कार्य कर रही है। 

यहां करे संपर्क 

डीसीपीएम राजेश गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन्मजात विकृति वाले बच्चों का जिसमें दिल में छेद, कटे हुए तालु और होठ, टेढ़े-मेढे पैर जैसी बीमारियों का सफल इलाज  किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस तरह की बीमारी वाले बच्चों को यह सुविधा निकटतम आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र और सरकारी स्कूल से आसानी  से मिलती है।

 

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