साहित्य - संस्कृति

‘ केदार जी के भीतर उनका गाँव हमेशा बना रहा ’

केदारनाथ सिंह के जन्मदिन पर उनके गांव चकिया और बलिया में जुटे देश भर के साहित्यकार, कवि और कलाकार

बलिया. कवि केदारनाथ सिंह के जन्मदिन पर 19 नवम्बर को उनके गांव चकिया और जिला मुख्यालय बलिया में देश भर के साहित्यकार, कवि एवं कलाकार जुटे ।

यह कार्यक्रम दो सत्रों में संपन्न हुआ । प्रथम सत्र केदारनाथ सिंह के गांव ‘चकिया’ में आयोजित था, जिसमें उनके गांव के लोगों ने अपने प्रिय केदार को याद किया । लोगों का मानना था कि वे हमारे गांव की खिड़की थे। एक ऐसी खिड़की, जिसके सहारे हम देश दुनिया की बौद्धिकता से परिचित होते थे और देश दुनिया भी हमारे भीतर उतरती थी ।

इस कार्यक्रम में प्रो. सदानंद शाही ने कहा, केदार जी ने घर के सामने स्थित ‘बुढ़वा नाले’ पर भी कविता लिखी । यह कविता बताती है कि उनके भीतर गांव का मोह और उसकी जिम्मेदारी किस गहरे स्तर तक समाहित थी । प्रो. प्रकाश उदय ने केदार जी की कुछ कविताओं को भोजपुरी में पढ़ा । गांव के अन्य बहुत सारे लोगों ने केदार जी की स्मृतियों को सांझा किया । इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी बलिया भी उपस्थित रहे ।

वहीं दूसरे सत्र का कार्यक्रम आचार्य नरेंद्रदेव सभागार, पंचायत भवन, बलिया में सम्पन्न हुआ । इसके मुख्य वक्ता प्रो. अवधेश प्रधान थे । प्रो. प्रधान ने केदार जी पर विस्तार से बातचीत की । उनका मानना था कि 1950 के दौर में जब साहित्य के बहुत सारे दिग्गज बनारस और उसके आसपास स्थापित हो चुके थे, उस समय केदारनाथ सिंह जैसे युवा ने अपने लिए एक स्वतंत्र रास्ता चुना । यह रास्ता कविता में भी परिलक्षित हुआ और कहना न होगा कि जीवन में भी । बेशक कि केदार जी दुनिया भर में गए मगर बलिया और उनका गाँव उनके भीतर हमेशा बना रहा । वे अपने गांव को बहुत प्रेम करते थे और आज यहाँ आकर लगा कि गांव भी उन्हें उसी शिद्दत से प्रेम करता है ।

कार्यक्रम की शुरुआत में बलिया की सांस्कृतिक संस्था ‘संकल्प’ के कलाकारों द्वारा केदार जी की प्रतिनिधि कविताओं की रंग-प्रस्तुति की गई । इसमें सोनी, ट्विंकल, आनन्द और अखिलेश ने भाग लिया । वहीं गाजीपुर से आये सम्भावना कला मंच द्वारा लगायी गयी कविता पोस्टर प्रदर्शनी आकर्षण के केन्द्र में रही। साथ ही साथ इस कार्यक्रम में हिंदी साहित्यिक पत्रिका ‘साखी’ के केदारनाथ सिंह विशेषांक का भी विमोचन हुआ ।

इस कार्यक्रम में चितरंजन सिंह, राजेश मल, प्रकाश उदय, सूर्यनारायण, और हेमंत जी सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे । कार्यक्रम में केदार जी के पुत्र सुनील सिंह भी दूर अंडमान से पधारे थे । साथ जैनेंद्र पाण्डेय, अमलदार निहार, यशवंत सिह, कादम्बिनी सिंह, अशोक जी, अखिलेश राय, आशीष त्रिवेदी, स्नेहप्रताप सिंह इत्यादि बलिया जिले की सैकड़ों कला एवं साहित्य जगत की हस्तियां भी मौजूद रहीं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो बलिराज पांडेय ने किया । आभार प्रदर्शन रामजी तिवारी एवं संचालन अजय कुमार पाण्डेय ने किया।

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