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गिरफ्तारियों के विरोध में रेती रोड पर उतरे दुकानदार, दुकानें बंद

गोरखपुर। नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन शनिवार को कोतवाली थाना क्षेत्र के मदीना मस्जिद रेती रोड पर गिरफ्तारियों के विरोध में काफी दुकानदार इक्ट्ठा हो गए। शाह मारूफ की तमाम दुकानें बंद हो गईं। गिरफ्तार युवाओं के रिहाई की मांग की जाने लगी। इस विरोध से पुलिस से एक बार फिर हलकान हुई।

शनिवार की सुबह से कोतवाली के नखास, रेती चौक व शाह मारूफ में माहौल पुरअमन था। पुलिस ने फ्लैग मार्च कर दुकानदारों से दुकानें खोलने का आग्रह किया। लिहाजा सब दुकानें खुल गईं, लेकिन मदीना मस्ज्दि के पास कुछ दुकानें बंद रहीं। वहीं शाह मारूफ की दुकानें जब खुलीं तो कुछ दुकानों से तीन लड़कों को पुलिस ने उठा लिया जिसका दुकानदारों ने विरोध किया और कहा कि यह तीनों लड़के प्रदर्शन में शामिल नहीं हैं। पुलिस वाले ना माने और तीनों को कोतवाली थाना ले गये। दुकानदार इससे नाराज हो गए और शाह मारूफ की सब दुकानें बंद कर दी गईं।

दोपहर 3:22 पर करीब 70-80 दुकानदार मदीना मस्जिद रेती रोड पर जमा हो गये और गिरफ्तारियों का विरोध करने लगे। वहां मौजूद दस बारह पुलिस वालों ने उन्हें सलाह दी कि चार से पांच लोग कोतवाली थाना जाकर बात कर लें। कुछ दुकानदार कोतवाली पहुंचे। विरोध कर रहे बाकी दुकानदार वापस लौट गये। इसके बाद पुलिस ने उक्त क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया। शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन में शामिल कुछ लोगों का पोस्टर वहीं एक दीवार पर चस्पा किया। ऐलान भी करवाया गया कि जिले में धारा 144 लागू है, एक जगह ज्यादा लोग जमा न हों। यह ऐलान शहर में तकरीबन हर मोहल्ले में हुआ।

फिलहाल शाह मारूफ के दुकानदारों ने दुकानें नहीं खोलीं। असर की नमाज के बाद जामा मस्जिद उर्दू बाजार के इमाम मौलाना अब्दुल जलील मजाहिरी ने एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता से बात करके निर्दोषों को छोड़ने का आग्रह किया। एसएसपी ने कहा कि मैं कोतवाली पहुंच रहा हूं। फुटेज देखकर जो भी निर्दोष होगा उसे छोड़ दिया जायेगा। जामा मस्जिद के इमाम ने एसपी सिटी से मुलाकात भी की।

शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने तमाम मोहल्लों से धड़ाधड़ गिरफ्तारियां शुरु कर दी हैं। जिससे लोगों में खौफ व दहशत का माहौल है। प्रदर्शन मे लाठी चार्ज व पत्थरबाजी हुई थी लेकिन कोई जानी व माली नुकसान नहीं हुआ था। प्रदर्शन में शामिल ज्यादातर युवा 15 से 30 आयु वर्ग के थे।

शनिवार को ही जाहिदाबाद व रसूलपुर में प्रदर्शन की सूचना पर काफी पुलिस पहुंची लेकिन वहां कोई प्रदर्शन नहीं हुआ।

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