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जल निगम के चेयरमैन से मिल कर बोले नगर विधायक -अभियंताओं का छुट्टी पर जाना गैरकानूनी हड़ताल जैसा

लखनऊ/गोरखपुर। गोरखपुर नगर के भाजपा विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने 7 जनवरी को  लखनऊ जाकर जल निगम के चेयरमैन जी पटनायक ,चीफ टेक्निकल  ऐडवाईजर जुबेर अहमद , उप प्रबंध निदेशक तथा टेक्नीकल एडवाईजर एसएन मणि के साथ बैठक की और उन्हें गोरखपुर में जलनिगम के अभियंताओं के अवकाश पर जाने के मामले में चर्चा की. नगर विधायक ने अभियंताओं की के अवकाश पर जाने को ‘ गैर-कानूनी हडताल ‘ बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. बैठक में जल निगम के अध्यक्ष ने कहा कि नागरिकों का हित सर्वोपरि है। शीघ्र ही इस मसले का समाधान निकाला जायेगा।

नगर विधायक ने चेयरमैन से कहा कि उपार्जित अवकाश सिर्फ वेकेशनल विभाग में दिये जाते हैं, जिनमें गर्मी की छुट्टियाँ होती हैं लेकिन ग्रीष्मावकाश के दौरान अगर कर्मचारियों से काम लिया जाता है तो उसके एवज में उपार्जित अवकाश दिया जाता है । जल निगम वेकेशनल विभाग है ही नही,फिर उपार्जित अवकाश वंहा कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि अभियंताओं को अर्जित अवकाश लेनी चाहिए थी । वैसे भी 15 दिन के अवकाश के लिये 7 दिन पूर्व नोटिस देनी होती है और 30 दिनों के लिये 15 दिन पूर्व छुट्टी के लिए नोटिस देनी होती है ।नोटिस देने के ही दिन छुट्टी पर चले जाना पूरी तरह गैर-कानूनी है और इसे सवैतनिक नहीं बल्कि अवैतनिक अनुपस्थिति माना जायेगा ।

नगर विधायक ने कहा कि किसी भी प्रकार की छुट्टी किसी का अधिकार नही होता है । वह जबरदस्ती छुट्टी नही पा सकता है । विभागाध्यक्ष के विवेक पर है कि वह अर्जित अवकाश भी स्वीकृत करे या न करे और जब चाहे परिस्थितियों के अनुसार छुट्टी खत्म करके कर्मचारी को वापस बुला सके ।

नगर विधायक ने कहा कि वैसे भी जब तक छुट्टी की स्वीकृति न मिल जाये वह छुट्टी नहीं गैर-जिम्मेदार अनुपस्थिति होती है और अनुशासनहीनता के दायरे में आती है । उनहोंने कहा किसी भी प्रकार का अवकाश कर्मचारी/ अधिकारी का निजी अधिकार होता है और सामूहिक उपार्जित/ अर्जित अवकाश,वास्तव में अवकाश है ही नही । यह बिना पूर्व-नोटिस दिये हडताल करने का काम है । यह उनकी सेवा-नियमावली का उल्लंघन है। उन्होंने सभी हडताली अभियंताओं के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की ।

नगर विधायक ने कहा कि हडताली अभियंता अपने प्रादेशिक नेताओं को गोरखपुर बुलाने की बात कर रहे हैं। उन्हें निजी रूप से कोई अंतर नहीं पडता है ,क्योंकि उनके हडताल से हमारा राजनैतिक नुकसान नहीं बल्कि फायदा हो रहा है । हडताल जितने दिन खिंचेगी नागरिक उतना ही अधिक आक्रोशित होंगे । वैसे भी अनर्गल आरोपों से भी उनके पाले में राजनैतिक उपलब्धियां ही आई हैं। मेरे ऊपर आरोप था कि मैं बहुत सीधा-साधा विधायक हूँ। बिना कुछ किये एक झटके में वह आरोप उतर गया है ।

नगर विधायक ने कहा कि प्रान्तीय नेता आना चाहते हैं वे गोरखपुर आये ,वे उनका स्वागत करते हैं। लेकिन नागरिकों का गुस्सा चरम पर है और भीड़ अकसर अनुदार हो जाती है ,इसलिए प्रशासन इसकी चिन्ता कर ले.

 

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