स्वास्थ्य

किशोरी दिवस पर सच्ची कहानी के जरिये किशोरियों को बताया हीमोग्लोबिन का महत्व

गोरखपुर। शिवपुर सहबाजगंज स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार को किशोरी दिवस का आयोजन किया गया। दोनों आयोजनों में एनीमिया पीड़ित किशोरी निशा के स्वस्थ होने की सच्ची कहानी सुना कर लड़कियों व महिलाओं को हीमोग्लोबिन का महत्व बताया गया। किशोरियों और उनके अभिभावकों से अपील की गई कि अगर हीमोग्लोबिन 7 ग्राम से कम है तो यह खतरे का संकेत हैं और ऐसी दशा में फौरन सरकारी चिकित्सालय में जाना चाहिए।

इस मौके पर एनीमिया की रोकथाम, पोषण व स्वच्छता पर चर्चा की गयी।करीब 100 से अधिक किशोरियों के खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा भी जांची गयी।शहरी बाल विकास परियोजना की मुख्य सेविका मोहित सक्सेना ने बताया कि जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह और बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के निर्देश पर इसबार किशोरी दिवस का आयोजन स्वास्थ्य केंद्र पर किया गया। इस दिवस पर किशोरियों केवजन कराने और एनीमिया की जांच के लिए खासतौर से कहा गया था।

शिवपुर सहबाजगंज स्थितशहरी स्वास्थ्य केंद्र पर हुए आयोजन में किशोरियों को संबोधित करते हुए प्रभारी डॉ. नीतू सिंह और चिकित्सक डॉ. मधुरिमा ने कहा कि महिलाओं में ही खून की कमी की समस्या सबसे अधिक पाई जाती है। इस स्थिति में सुधार के लिए किशोरावस्था से ही सही देखभाल आवश्यक है। उन्होंने किशोरियों से ताजे फल, सब्जियां, साग, दाल, दूध, अंडाऔर घी का सेवन करने को कहा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कंचन, सरिता, रागिनी, शीला,सुमन, मंजू, सीमा, शशिबाला और आभा सिंह ने किशोरियों को आयरन की गोलियां देकर अपनेसामने खिलवाया और उन्हें बताया कि नींबू पानी व वीटामिन सी युक्त आहार जैसे संतरा,आंवला के साथ ही आयरन की गोली का सेवन करना है। चाय या दूध के साथ इसका सेवन नहीं करना है। किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान साफ-सुथरे पैड का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई।

इस अवसर पर मौजूद पुनीत शुक्ला, राकेश, विवेक, प्रियंका, उर्वशी ने किशोरियों के सेहत की जांच की और उनकी समस्याओं को सुन कर समाधान किया।चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर किशोरी दिवस में चिकित्सक डॉ. बीके चौधरी व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार ने किशोरावस्था में शारीरिक व मानसिक परिवर्तनों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में अभिभावकों को किशोरियों के साथ मित्रवत व भावनात्मक संबंध अपनाने चाहिए। अगर किशोरी को किसी प्रकार की दिक्कत हैतो वह बेहिचक चिकित्सालय में सम्पर्क कर सकती हैं। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी नेबताया कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. धनंजय कुशवाहा के निर्देश पर किशोरी दिवसके मौके पर ही सैनेटरी पैड का वितरण किया गया है।

 किशोरी दिवस पर संदेश·  
शरीर में कमजोरी या किसी प्रकार की शारीरिक दिक्कत हो रही हो तो हीमोग्लोबिन जांच आवश्य कराएं।
·      अगर 15 साल तक मासिक धर्म न हो या मासिक धर्म के दौरान पीड़ा हो तो चिकित्सक से मिलें
·      कोई बात छिपाएं नहीं बल्कि अपनी मां से खुल कर बात करें
·      फास्ट फूट का सेवन न करें बल्कि घरेलू और पौष्टक खानपान का सेवन हो
·      आयरन की गोलियों का सेवन करें। भुना चना व गुड़ खाने से आयरन बढ़ता है
·      फल-सब्जियां धुलकर खाएं। बिना हाथ धोये कुछ भी न खाएं
·       मासिक धर्म में सैनेटरी पैड का इस्तेमाल करें और सफाई काविशेष ध्यान रखें

निशा की कहानी
किशोरी दिवस पर निशा की कहानी खासतौर से साझा की गई। बताया गया कि मार्च 2019 में निशा का हीमोग्लोबिन 7 ग्राम से नीचे मिला था। उसे चक्कर आता था और कई प्रकार की शारीरिक दिक्कतें थीं।किशोरी दिवस में ही चरगांवा पीएचसी पर उसे चिन्हित किया था। उसे आयरन की गोली के साथ उचित खानपान दिया गया और निगरानी की गयी। निशा ने भी परामर्श के अनुसार अपना ख्याल रखा। महज तीन महीने में उसका हीमोग्लोबिन 12.4 ग्राम तक पहुंच गया और अब वह स्वस्थ है।

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