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शोध छात्रों के आंदोलन के आगे झुका गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन

गोरखपुर। स्नातक में तृतीय श्रेणी में पास छात्रों के पीएचडी में एडमिशन के 4 महीने बीत जाने के बाद नया नियम लागूकर उन छात्रों का पंजीकरण रद्द करने के खिलाफ गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन पर शुरु हुए अनिश्चितकालीन धरने के तीसरे दिन कुलपति ने धरनारत शोध छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को अपनी बात पुनः रखने के लिए बुलाया।

शोध छात्रों के प्रतिनिधिमंडल की कमलेश यादव के नेतृत्व में कुलपति वार्ता हुई।

इस मौके पर कुलपति ने बताया कि 3 मार्च को हुई विद्यापरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि स्नातक में तृतीय श्रेणी में पास होकर शोध के लिए पंजीकृत छात्र यूजीसी नियमावली के विपरीत नहीं है, इसलिए इनके पंजीकरण निरस्त नहीं होंगे।

उन्होंने कहा कि भविष्य में छात्रों के साथ पुनः ऐसी स्थिति पैदा न हो उसके लिए यूजीसी से लिखित पत्र भेज स्पस्टीकरण मांगा गया हैं।

कुलपति ने यूजीसी से जवाब आने के लिए छात्रों से दो सप्ताह का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि निर्णय आने तक सभी शोध छात्रों की यथास्थिति पूर्व की भांति बनी रहेगी।

मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन की सकारात्मक कार्यवाही से संतुष्ट छात्रों ने धरना समाप्त करने का फैसला लिया। छात्र-छात्राओं ने कुलपति को पुष्पगुच्छ दिया।

इस मौके पर शोध छात्रा चांदनी पासी, सुमन राव, पंकज यादव,शोध छात्र अजय यादव, राजकुमार गुप्ता ,अनुप ईश्वर, सुरेन्द्र वाल्मीकि, कन्हैया कुमार, आकाश पासवान, आर्या यादव, विवेक यादव, प्रमोद समाजवादी, आकाश प्रताप, देवेन्द्र मौर्या आदि मौजूद रहे।

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