दीन-ए-इस्लाम इंसानियत की शिक्षा देता है : मुफ्ती अख्तर

गोरखपुर। महफिल-ए-इसाले सवाब का आयोजन शनिवार को तुर्कमानपुर स्थित रशीद मंजिल के मैदान में हुआ।

अध्यक्षता करते हुए मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के शिक्षक मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम इंसानियत की शिक्षा देता है, हमें इन शिक्षाओं को व्यवहारिक रूप से दुनिया के सामने पेश करना चाहिए। बच्चों को दीनी व दुनियावी, दोनों शिक्षा देनी चाहिए।

विशिष्ट अतिथि नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर के इमाम मौलाना मो. असलम रज़वी ने कहा कि मुसलमानों के पिछड़ेपन की वजह कुरआन पाक की तालीम से दूरी है। हमें कुरआन व दीन-ए-इस्लाम की तालीम को अपने जीवन में उतारना चाहिए। अपने बच्चों को संस्कारी बनाना और घरों में दीनी माहौल पैदा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

महफिल का आगाज तिलावत-ए-कुरआन से हाफिज अजीम अहमद नूरी ने किया। नात-ए-पाक अफरोज कादरी व शादाब अहमद रज़वी ने पेश की। अंत में दरुदो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो सलामती व कोरोना वायरस से बचने की सामूहिक दुआ नायब काजी मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने की। मरहूम जाबिर अली की रुह के लिए इसाले सवाब किया गया। इस मौके पर एडवोकेट मो. साबिर अली, कादिर रशीद, निजामुद्दीन, मौलाना जैनुलआबेदीन, हेसामुद्दीन, मो. राफे, मो. मारुफ, मो. सैफी, मनोव्वर अहमद, नूर मोहम्मद दानिश, रमजान अली आदि मौजूद रहे।