दूसरे चरण की हज ट्रेनिंग में एहराम पहनने का तरीका सिखाया गया

गोरखपुर। मंडल के हज यात्रियों को नार्मल स्थित हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद में रविवार को तहरीक दावते इस्लामी हिन्द की ओर से दूसरे चरण की हज ट्रेनिंग दी गयी। हज के अहम अरकान व फजीलत पर रोशनी डाली गयी। ट्रेनिंग 15, 22, 29 मार्च को भी दी जायेगी। हज पर ले जाने वाले सामानों की लिस्ट हज यात्रियों में बांटी गयी।

हज ट्रेनर हाजी मो. आज़म अत्तारी ने कहा कि हज बेहद अहम इबादत है। इसमें सबसे अहम खुलूस है। दिखावे का नाम हज नहीं है। हज अल्लाह की रज़ा के लिए है। पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि मकबूल हज करने वाला ऐसा होता है मानो आज ही मां के पेट से पैदा हुआ हो। उसके सभी गुनाह माफ हो जाते हैं। उन्होंने अभ्यास के जरिए हज में पहने जाने वाले खास लिबास ‘एहराम’ को पहनने का तरीका बताया साथ ही हज पर ले जाने वाले सामानों की लिस्ट व तैयारी, तलबिया यानी ‘लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक’ का अभ्यास कराया। सफर की सुन्नत, आदाब व दुआओं के बारे में भी बताया गया। मुकद्दस मकामात की जानकारी बैनरों के जरिए दिखाकर कर दी गयी। हज यात्रियों के लिए बुक स्टॉल लगाया गया। जिसमें हज के अरकान सिखाने वाली किताबें रफीकुल हरमैन आकर्षण का केंद्र रही।

ट्रेनिंग की शुरुआत तिलावत-ए-कुरआन शरीफ से हुई। नात शरीफ शहजाद अत्तारी ने पेश की। अंत मेे सलातो-सलाम पढ़कर नेक व एक बनने की दुआ की गयी।

इस मौके पर डॉ. लियाकत अली, इमामुद्दीन, वसीउल्लाह अत्तारी, मो. रमजान अत्तारी, फैजान, शम्स, वजीउद्दीन बरकाती, शाद रजा कादरी, मो. अदनान आदि मौजूद रहे .