गोरखपुर जिले के एक हजार एनएचएम स्वास्थ्य कर्मियों को फरवरी का वेतन अब तक नहीं मिला

गोरखपुर. प्रधानमंत्री की अपील पर कोरोना विषाणु के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मुस्तैदी से कार्य कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को आज शाम लोग ताली बजाकर और थाल पीटकर उनका हौसला आफजाई करने जा रहे हैं लेकिन यह भी एक सचाई है कि गोरखपुर जिले में कार्यरत करीब एक हजार एनएचएम स्वास्थ्य कर्मियों को फरवरी महीने का वेतन आज तक नहीं मिला है. वेतन न मिलने से उनकी होली फीकी रही और अब वे आर्थिक तंगी के बीच चुनौतीपूर्ण समय में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.

गोरखपुर जिले में जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सहित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत करीब एक हजार स्वास्थ्य कर्मी तैनात हैं. ये स्वास्थ्य कर्मी डाॅक्टर, काउंसलर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, एएनएम, बीपीएम, एलटी, वार्ड ब्वाय के रूप में कार्य कर रहे हैं. इन्हें हर महीने आठ से दस तारीख के बीच वेतन मिल जाता था लेकिन फरवरी का वेतन उन्हें अभी तक नहीं मिला है जबकि इस महीने होली का त्योहार भी था. होली बीत जाने के बाद भी उन्हें वेतन नहीं मिला है जबकि कोरोना विषाणु के प्रसार के खतरे के बीच उन्हें चुनौतीपूर्ण ड्यूटी करनी पड़ रही है.

यहां उल्लेखनीय है कि ये स्वास्थ्य कर्मी संविदा पर कार्यरत हैं और उन्हें काफी कम वेतन मिलता है. ये स्वास्थ्य कर्मी समान कार्य के लिए समान वेतन की आवाज लगातार उठा रहे हैं लेकिन उनकी मांग सुनी नहीं जा रही है. समय से वेतन न मिलने की समस्या अलग से है. कम वेतन और वह भी समय से न मिलने के कारण इन स्वास्थ्य कर्मियों और उनके उपर निर्भर परिजनों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है.

एनएचएम कर्मियों को फरवरी माह का वेतन मिलने में देरी का कारण जानने के लिए जब गोरखपुर न्यूज़ लाइन ने गोरखपुर के सीएमओ डॉ श्रीकांत तिवारी को फोन किया तो उनका फोन नहीं उठा. उनका पक्ष मिलने पर खबर को अपडेट किया जायेगा.