एयरपोर्ट पर 623 यात्रियों की जांच, सभी सामान्य

रेलवे स्टेशन से अस्पताल भेजे गये 8 लोग फिट मिले, बुखार मिलने पर भेजे गये थे अस्पताल

गोरखपुर. जनता कर्फ्यू के बीच जिला प्रशासन की देखरेख में स्वास्थ्य विभाग रविवार को पूरे दिन अलर्ट रहा। विभाग की 10 अलग-अलग टीम ने रेलवे स्टेशन की घेराबंदी कर एक-एक रेलयात्री की सघन जांच की। सहजनवां में फोर लेन से गुजरने वाली गाड़ियों से सफर कर रहे और एयरपोर्ट से आने वाले यात्रियों की भी थर्मल स्कैनिंग की गयी। एअरपोर्ट पर 623 लोगों की जांच हुयी, सभी लोग सामान्य मिले। स्टेशन से अस्पताल भेजे गये 8 लोग फिट निकले। इन्हें बुखार मिलने पर अस्पताल भेजा गया था।इनकी विदेश यात्रा या संपर्क का कोई इतिहास नहीं मिला।

जिलाधिकारी ने जनता कर्फ्यू को सफल बताया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार के जनसहयोग से ही कोरोना से बचाव किया जा सकता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि लोगों की मूवमेंट कम होने, भीड़भाड़ कम लगाने से, एक दूसरे से कम से कम संपर्क में आने से कोविड-19 के प्रसार की श्रंखला ध्वस्त होने लगती है और बीमारी पर काबू पाना आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि अगर कुछ दिनों तक लोग हाथों को साफ-सुथरा रखने, हाथों को मुंह, नाक व आंख तक ले जाने से बचने और घर से अनावश्यक बाहर न निकलने की प्रवृत्ति विकसित कर लें तो बीमारी का खतरा टाला जा सकता है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की फिलहाल जिले में कोरोना का कोई मरीज नहीं है। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वालों की स्कैनिंग एहतियातन की जा रही है और लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।

रिजर्व टीम है अलर्ट

कोरोना का कोई प्रकरण प्रकाश में आने पर फौरी कार्रवाई के लिए 10 रिजर्व टीम बनाई गई है जो 30 मिनट के भीतर रिस्पांड करेंगी। टीम में एक चिकित्सक के अलावा पैरामेडिकल स्टॉफ भी हैं। कंट्रोल रूम को सूचना मिलते ही टीम को मौके पर भेजा जाएगा। सीएमओ ने बताया कि एंबुलेंस की मॉक ड्रिल के जरिये अभ्यास किया गया कि कोरोना का संदिग्ध मरीज मिलने पर किस प्रकार से एक्शन लेना है।

सीएमओ ने जनता से अपील की है कि अगर लोगों की नजर में उनके आसपास ऐसा व्यक्ति है जो बाहर से आया है और उसे बुखार है तो ऐसे व्यक्ति की सूचना आशा कार्यकर्ता या एएनएम अथवा विभाग के कंट्रोल रूम को अवश्य दें। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को प्रेरित भी करें कि वह एकांतवास में रहें। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि बाहर से आया और बुखार पीड़ित हर व्यक्ति कोरोना का संदिग्ध हो यह आवश्यक नहीं है, इसलिए किसी को अनावश्यक घबराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी हालत में सिर्फ स्वास्थ्य विभाग को सूचना देना पर्याप्त है।