गोरखपुर के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर में भी शुरू होगी कोरोना विषाणु संक्रमण की जांच

आईसीएमआर ने दो और सरकारी केन्द्रों को जांच के लिए अधिकृत किया, अब यूपी में छह स्थानों पर हो सकेगी जांच

गोरखपुर। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के गोरखपुर स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) में कोरोना विषाणु संक्रमण की जांच कुछ दिन में शुरू हो जाएगी. आईसीएमआर ने 22 मार्च को देश के 27 और संस्थानों को कोरोना विषाणु के संक्रमण की जांच के लिए अधिकृत किया है जिसमें गोरखपुर स्थित उसका यह सेंटर भी है. आईसीएमआर की ओर से जांच के लिए इस सेंटर को रविवार को रीएजेंट्स मिल भी गए.

आईसीएमआर ने 22 मार्च को देश में 27 नए सरकारी संस्थानों को कोविड-19 विषाणु के संक्रमण की जांच के लिए अधिकृत किया. इनमें यूपी के दो संस्थान-आरआईएमएस सैफई और गोरखपुर स्थित आरएमआरसी हैं. इस समय देश के 89 सरकारी संस्थानों में कोविड-19 संक्रमण की जांच हो रही है.

यूपी में चार सरकारी संस्थानों-किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ , इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसेज, बीएचयू, जेएनयू मेडिकल कालेज अलीगढ़ और कमांड हास्पिटल लखनउ में कोविड-19 संक्रमण की जांच की सुविधा उपलब्ध है. आईसीएमआर की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (आरआईएमएस) सैफई में जांच के लिए रीएजेंटस भेज दिए गए हैं जबकि गोरखपुर स्थित आरएमआरसी में रीएजेंट्स 22 मार्च को पहुंच गए। दोनों स्थानों पर जल्द ही जाच की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

गोरखपुर में क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केन्द्र, बीआरडी मेडिकल कालेज परिसर में स्थापित है। वर्ष 2005 में इंसेफेलाइटिस (जेई/एईएस) के बड़े आउटब्रेक के बाद वर्ष 2008 में गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कालेज परिसर में नेशनल इंस्टीच्यूट आफ वायरोलाजी की फील्ड यूनिट की स्थापना की गई। पूर्वी उत्तर प्रदेश में विभिन्न विषाणुओं के प्रसार के मद्देनजर वर्ष 2012 में 12वें पंचवर्षीय योजना (2012-2017)में इस फील्ड यूनिट को रीजनल सेंटर में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया।

इस निर्णय को कार्यान्वित करने में काफी विलम्ब हुआ। वर्ष 2017 में बीआरडी मेडिकल कालेज के आक्सीजन कांड के बाद गोरखपुर आए तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्ढा ने क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केन्द्र की स्थापना के लिए 80 करोड़ रूपए देने की घोषणा की। एक वर्ष बाद दो सितम्बर 2018 को आरएमआरसी भवन का शिलान्यास हुआ। यह भवन अभी बन रहा है। आरएमआरसी अभी अपने पुराने फील्ड यूनिट भवन से संचालित हो रहा है.

यहां पर अभी जेई, डेंगू, जीका वायरस, चांदीपुरा वायरस, इंटेरोवायरस, इन्फ्लुएंजा ए, इन्फ्लुएंजा बी   सहित कई विषाणुओं की मालीक्यूलर व सीरोलाजिकल जांच की सुविधा उपलब्ध है.