कोरोना महामारी के कारण गोरखपुर की दरगाहों पर लगे ताले

गोरखपुर। शहर की तमाम दरगाहों पर कोरोना महामारी को देखते हुए ताला लग गया है। हिन्दू मुस्लिम एकता का केंद्र मानी जाने वाली तमाम दरगाहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। अकीदतमंदों से गुलजार रहने वाली दरगाहों पर खामोशी है।

शहर की बड़ी दरगाह में शुमार हजरत मुबारक खां शहीद नार्मल में जहां चार से पांच सौ लोग रोज जियारत करने व फातिहा पढ़ने आते थे। आज कोरोना वायरस के खौफ व लॉकडाउन की वजह से कोई नहीं आ रहा है। लोगों के स्वास्थय व सुरक्षा की दृष्टि के मद्देनजर दरगाह के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है। यहां मौजूद मदरसा भी बंद है।

दरगाह सदर इकरार अहमद के मुताबिक दरगाह पर जुमेरात को करीब पांच हजार, वहीं आम दिनों में चार से पांच सौ लोग जियारत करने पहुंचते थे, लेकिन जब से कोरोना वायरस का प्रकोप फैला है दरगाह पर जियारत करने वालों की तादाद न के बराबर रह गई है। लॉकडाउन के बाद दरगाह पर जियारत नहीं हो रही है। कोरोना प्रकोप के बाद जियारत आम होगी। हालांकि कोरोना से निजात के लिए दरगाह पर दुआ हो रही है। यहां की मजार सैकड़ों साल पुरानी है। दरगाह के बाहर काफी तादाद में फकीर भी जुटते थे। जिनकी जायरीन मदद किया करते थे। वह सिलसिला भी रुक गया है।

धर्मशाला बाजार स्थित नक्को शाह बाबा की दरगाह को भी कोरोना के मद्देनजर बंद कर दिया गया है। यहां बड़ी तादाद में हिन्दू मुस्लिम समुदाय के लोग रोज जियारत करने आते थे। जुमेरात को तो मेले जैसा माहौल नज़र आता था। यहां मांगने वालों का तांता लगा रहता था। अब यहां सन्नाटा है। वहीं मुंशी

प्रेमचंद पार्क बेतियाहाता स्थित हजरत तबारक खां शहीद, बहरामपुर स्थित बाले मियां की दरगाह, अंधियारीबाग स्थित हजरत मिस्कीन शाह, गोलघर स्थित हजरत तोता मैना शाह, रेलवे म्यूजियम स्थित हजरत कंकड़ शाह व शहीद बाबा सहित शहर की तमाम दरगाहों पर कोरोना का ताला व लॉकडाउन का असर साफ देखा जा सकता है। अकीदतमंद घरों में रहकर इबादत व तिलावत के जरिए कोरोना वायरस से छुटकारे की दुआ मांग रहे हैं।