कापी, किताब, मोबाइल के बिना कैसे होगी व्हाट्सएप पर मदरसा छात्रों की पढाई

लॉकडाउन की वजह से मदरसा छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया

गोरखपुर। कोरोना महामारी से सुरक्षा व बचाव को ध्यान में रखते हुए मदरसों में ऑनलाइन शिक्षण कार्य शुरु होने वाला है। वह भी व्हाट्सएप पर। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने राज्यानुदानित मदरसों से कक्षावार छात्र/छात्राओं की संख्या मोबाइल नम्बरों के साथ मांगी है।

सूचना देने के लिए एक प्रारुप भी जारी किया गया है। विवरण तैयार करने में छात्र/छात्राओं या उनके अभिभावकों का नम्बर मांगा जा रहा है जिसमें व्हाट्सएप व नेट हो। मदरसों पर सूचना देने वाला पत्र पहुंचना शुरु हो गया है। जिले में दस अनुदानित मदरसे हैं। जिसमें सैकड़ों की तादाद मे छात्र तालीम हासिल करते हैं। इनमें अधिकतर बेहद गरीब घर के हैं। बहुत से छात्र तो ग्रामीण क्षेत्रों के हैं जिन्होंने शायद ही व्हाट्सएप चलाया हो।

लॉकडाउन के समय से ही मदरसे बंद हैं। मदरसों के छात्रों की मार्च में परीक्षा होनी थी जो लॉकडाउन की वजह से हो नहीं पायी। शासन के इस फरमान से मदरसों के जिम्मेदार दुविधा में हैं।

मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के प्रधानाचार्य हाफिज नज़रे आलम कादरी कहते हैं कि हमारे मदरसे में 312 के करीब छात्र/छात्राएं हैं जो काफी गरीब तबके से हैं। किसी के अभिभावक पंचर बनाते हैं तो कोई ठेला लगाता है। जिनके पास न कापी है न ही किताब और न ही एंड्रायड मोबाइल। गरीब छात्र वाट्सएप वाला मोबाइल कहां से ला पायेंगे। नेट रिचार्ज कैसे होगा। छोटे बच्चे कैसे ऑनलाइन पढ़ पायेंगे। बहुत बच्चे तो ग्रामीण इलाकों के हैं। वह कैसे पढ़ेंगे ? मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को केंद्र सरकार ने 45 महीनों से मानदेय नहीं दिया है। रमज़ान शुरु हो गया। मदरसों के कैलेंडर के हिसाब से छुट्टी शुरु हो चुकी है। अब कैसे पढ़ाई मुमकिन है ?

मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर गोरखनाथ के प्रधानाचार्य मौलाना नूरुज्जमा मिस्बाही ने कहा कि मैं गांव पर हूं. मुझे इसकी जानकारी नहीं है. रहा सवाल ऑनलाइन पढ़ाई का तो यह बहुत मुश्किल है. मेरे मदरसे में 450 के करीब छात्र हैं. जो बहुत गरीब घर के हैं. उनके पास मोबाइल नहीं है. व्हाट्सएप के बारे में बच्चे क्या समझ पायेंगे ? बच्चे अभी इतने परिपक्व भी नहीं हैं. अभिभावक भी कम पढ़े लिखें हैं. पढ़ने के लिए किताब तो मयस्सर है नहीं मोबाइल कहां से लायेंगे। डाटा कहां से डलवायेंगे. अभी तो खाने के लाल पड़े हुए हैं.

शुक्रवार को प्रमुख सचिव उप्र मनोज सिंह ने रजिस्ट्रार उप्र मदरसा शिक्षा परिषद को पत्र लिखकर आदेश दिया कि नोवेल कोरोना वायरस के फैलाव से बचाव के कारण प्रदेश के तहतानिया (कक्षा 1 से 5) व फौकानिया (कक्षा 6 से 8) तक के राज्यानुदानित मदरसों में पढ़ने वाले छात्र/छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाए।