लाॅकडाउन में मोटर दुर्घटना प्रतिकर दावे को अति आवश्यक केस माना, मुआवजा भुगतान का आदेश

महराजगंज। महराजगंज के जनपद न्यायाधीश की अदालत ने लाॅकडाउन में मोटर दुर्घटना प्रतिकर के दावे को अति आवश्यक केस मानते हुए सुनवाई की और सुलहनामे के आधार पर बीमा कम्पनी को याचिकाकर्ता को पांच लाख रूपया मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया।

बीमा कम्पनी चोला मंडलम ने प्रतिकर धनराशि आरटीजीएस के जरिए न्यायालय में जमा भी कर दिया। लाॅकडाउन में मोटर दुर्घटना प्रतिकर दावा याचिका के निस्तारण का यह पहला मुकदमा माना जा रहा है।

महराजगंज जिले के मिठौरा निवासी 15 वर्षीय किशोर दीनानाथ की 11 अक्टूबर 2019 को एक ट्रक से कुचल जाने मौत हो गयी थी। दीनानाथ साइकिल से जा रहा था कि भागाटार के पास ट्रक ने उसे कुचल दिया। दीनानाथ अपनी मां गुड्डी देवी का अकेला सहारा था। उसके पिता मोहन की पहले ही मौत हो चुकी थी। दीनानाथ पढ़ाई करने के साथ-साथ शाम को अंडे का ठेला लगाता था। दुर्घटना के दिन वह अंडे का ठेला ही लगाने जा रहा था कि उसे ट्रक ने कुचल दिया।

दीनानाथ की मां गुड्डी ने अधिवक्ता परमानंद गुप्ता के जरिए मोटर दुर्घटना प्रतिकर न्यायाधिकरण/ जनपद न्यायाधीश न्यायालय में 12 लाख का मोटर दुर्घटना प्रतिकर दावा याचिका दाखिल किया।

महराजगंज जिले में अभी मोटर दुर्घटना प्रतिकर न्यायाधिकरण की स्थापना नहीं हुई है। इसलिए इन मामलों की सुनवाई जिला जज के न्यायालय में होती है।

लाॅकडाउन के कारण काफी समय तक न्यायालय बंद रहे। बाद में अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई के लिए न्यायालयों ने काम शुरू किया।

इस मामले में बीमा कम्पनी चोला मंडलम के अधिवक्ता अमित विक्रमा वर्मा ने जनपद न्यायाधीश न्यायालय में तर्क दिया कि मोटर दुर्घटना में प्रतिकर की धनराशि प्राप्त करना अति आवश्यक मामलों की श्रेणी में आता है क्योंकि लाॅकडाउन में आम आदमी अपनी रोज मर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। यदि  मोटर दुर्घटना में पीड़ित को प्रतिकर की धनराशि मिलेगी तो उसे कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से लड़ने में मदद मिलेगी। जिला जज संदीप जैन बीमा कंपनी के अधिवक्ता के तर्को से सहमत हुए और सुलहनामा दाखिल करने को कहा। याचीगण के अधिवक्ता परमानंद गुप्ता ने अपने निजी खर्च पर याची गुड्डी देवी को न्यायालय मैं बुलाया और सुलहनामा दाखिल हुआ।

सुलहनामाके आधार पर बीमा कम्पनी चोला मंडलम ने पांच लाख रूपया का प्रतिकर भुगतान तत्काल आरटीजीएस के माध्यम से कर दिया।