पर्यावरण

पौधे लगाने का मतलब ज्यादा से ज्यादा आक्सीजन के स्रोत का विस्तार

हिन्दू संस्कृति में वृक्षारोपण पुण्य का कार्य: पीएल शर्मा
राष्ट्रीय आपदा मोचक बल केन्द्र, चरगावां में वृक्षारोपण

गोरखपुर, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेट पीएल शर्मा ने कहा है कि हिन्दू
संस्कृति में वृक्षारोपण पुण्य का कार्य है. पर्यावरण प्रदूषण के चलते इस
समय ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाना आज की महती जरूरत है.
श्री शर्मा शनिवार को राष्ट्रीय आपदा मोचक बल के गोरखपुर केन्द्र चरगावां
में वृक्षारोपण के बाद जवानों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि
पौधे लगाने का तात्पर्य आक्सीजन के ज्यादा से ज्यादा स्रोतों का विस्तार
है. जो धरती पर जीवों के लिये परम आवश्यक तत्व है। सभी जानते हैं कि
वृक्ष कार्बन डाई आक्साइड लेते हैं और आक्सीजन छोड़ते हैं. यही नहीं इसके
अलावा सल्फर डाई आक्साइड और कार्बन मोनोआक्साइड जैसे कई हानिकारक गैसों
का अवशोषण करते हैं. जिससे वातावरण साथ सुथरा और जीवन के लिये सुगम बना
रहता है.
उन्होंने कहा कि हमारे सौर मंडल में अधिकतर ग्रह या ठंडे मौसम की चपेट
में हैं या फिर कुछ सूर्य के निकट होने के चलते काफी गर्म हैं. सिर्फ
पृथ्वी ही एकमात्र ग्रह है, जहां मौसम बहुत संतुलित और जीवन योग्य है
लेकिन वृक्षों की घटती संख्या और हानिकर गैसों के अत्यधिक उत्सर्जन से
पृथ्वी भी लगातार गर्म हो रही है. ग्लोबल वार्मिग के चलते अंटार्कटिका की
बर्फ पिघल रही है. इसके अलावा बारिश का क्रम भी गड़बड़ हो गया है. आपदाओं
की संख्या बढ़ गयी है. इसलिये सभी देशों की सरकारें वातावरण में संतुलन
के लिये पौधरोपण कार्यक्रम चला रही है.
कार्यक्रम के दौरान एडीएम एफआर राजेश कुमार, डा आशीष श्रीवास्तव,
निरीक्षक डीपी चंद्रा,आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता, वरिष्ठ प्रबंधक
पूर्वांचल बैंक शिवशंकर, पर्यावरणविद् भुवनेश्वर पांडेय और बल के जवानों
के साथ ग्रामीण भी उपस्थित रहे आंवला, शरीफा, अमरूद, मौलश्री, सागौन,
सहजन आदि के पौधो का रोपण किया गया। सभी ने लगाये पौधों के संरक्षण का भी
संकल्प लिया.

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