तीन मस्जिदों के बाहर लगा अनोखा इफ़्तार दस्तरख्वान

गोरखपुर। सोमवार को शहर की तीन मस्जिदों से इफ़्तार के समय एक साथ ऐलान हुआ कि गरीब रोजेदार मस्जिद के बाहर मेज पर रखा इफ़्तार पैकट लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आकर ले लें और खामोशी से घर वापस जाकर रोजा खोलें। यह भी ऐलान हुआ कि मोहल्ले के जो भी हैसियतमंद गरीब रोजेदारों की मदद करना चाहते हैं वह अपने घर से इफ़्तार पैक कराकर मस्जिद के बाहर लगी मेज पर रख दें और नेकी कमाकर गरीब रोजेदारों की दुआएं लें।

लॉकडाउन के समय से ही गरीब व जरूरतमंदों में राशन पहुंचा रहे हमदर्द सोसाइटी (जरूरतमंद की खिदमत ग्रुप) के नौजवानों ने नई पहल करते हुए शहर की तीन मस्जिदों के बाहर अनोखा इफ़्तार दस्तरख्वान अभियान शुरू किया है।

अभियान का अहम हिस्सा नेहाल अहमद ने बताया कि नूरी जामा मस्जिद अहमदनगर चक्शा हुसैन, मक्का मस्जिद जाहिदाबाद, रज़ा मस्जिद जाफ़रा बाजार में यह अनोखा इफ्त़ार दस्तरख्वान अभियान शुरू किया गया है। करीब 250 रोजेदार परिवारों ने इसका लाभ उठाया।

नेहाल अहमद ने बताया कि पहले दिन इफ़्तार पैकेट में पकौड़ी, चना, पूड़ी, हलुआ, चिप्स, फल, नीबू आदि पैक करके मेज पर रख दिया गया। मस्जिद से ऐलान हुआ और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आसपास के गरीब रोजेदार इफ़्तार पैकट घर ले गये।

अभियान में नेहाल अहमद के साथ मोहम्मद ज़मीर अहमद, अतहर खान, कमरुल हसन, मोहम्मद जाहिद, अज़ीम नौशाद, शहज़ाद अहमद, सैयद आसिम हुसैन, फराज़ अहमद, शाकिर अली सलमानी, आमिर इकबाल, गयासुद्दीन, काजी राबिश, मोहम्मद मोइज, सेराज आलम महती भूमिका निभा रहे हैं।

नेहाल ने कहा कि किसी रोजेदार का रोजा खुलवाना बहुत सवाब का काम है। लॉकडाउन में आमजन परेशान हैं इसलिए यह अभियान हम लोगों ने शुरू किया। अभियान अवाम के सहयोग से आगे भी चलता रहेगा। यह एक ऐसा नेक काम है जो जिंदगी के साथ भी काम आयेगा और जिंदगी के बाद भी। सभी इफ़्तार का दस्तरख्वान छोटा कर, मदद का हाथ बड़ा करें तो गरीब रोजेदारों की सारी परेशानी दूर हो जायेंगी। सभी लॉकडाउन के नियम का पालन करें। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें।

इसी तरह का अभियान सपा नेता हाजी जियाउल इस्लाम ने मदीना मस्जिद रेती के पास शुरू किया है। खिदमत आजाद चौक से बड़गो ग्रुप के नौजवान शानिब शेख, दिलबहार, हामिद, शेष नारायण पिंटू, अजहर चिलमापुर, भरवलिया व गेहुंआ सागर के करीब 100 गरीब रोजेदार परिवारों में खाना पहुंचा रहे हैं।