लॉक डाउन अवधि का वेतन नहीं मिलने का आरोप, डीएम को ज्ञापन दिया

गोरखपुर. बिगुल मजदूर दस्ता और टेक्सटाइल वर्कर्स यूनियन ने आज लॉक डाउन के दौरान का वेतन फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा ना दिए जाने के मुद्दे को उठाते हुए जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

बिगुल मजदूर दस्ता के राजू कुमार ने कहा कि करोना महामारी के प्रथम चरण से अब तक फैक्ट्री प्रबंधन व जिला प्रशासन द्वारा मजदूरों को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं पहुंचाई गई है। यह फैक्ट्री प्रबंधन और जिला प्रशासन की निरंकुशता को दर्शाता है एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार यह घोषणा कर रही है कि प्रदेश में कोई भी मजदूर परेशान बदहाल नहीं है लेकिन जमीनी वास्तविकता यह है कि लॉक डाउन में फसे मजदूरों को नियमानुसार लॉकडाउन का वेतन ना मिलने के कारण भारी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है ना ही वह अपने घर जा पा रहे हैं और ना ही उनके पास इतना पैसा है कि कमरे का किराया मकान मालिक को दे सकें, बच्चों का पालन पोषण कर सकें. मजदूरों के सामने इस समय पहाड़ जैसा संकट खड़ा है.

टेक्सटाइल वर्कर्स यूनियन के अजय मिश्रा ने कहा कि हम मजदूर इस कड़कड़ाती धूप में 8-9 किलोमीटर दूर बरगदवा औद्योगिक क्षेत्र से पैदल ही जिला प्रशासन से मिलने आए हैं कि मजदूरों और फैक्ट्री प्रबंधन के बीच मध्यस्थता करा कर जीवन और मृत्यु से लड़ रहे मजदूरों की समस्या से निजात मिलेगी लेकिन शासन प्रशासन के व्यवहार से लगता है की मजदूरों की जीवन स्थिति से कोई लेना देना नहीं है। उनको सड़कों पर यूं ही दर दर की ठोकर खाने और मरने के लिए छोड़ दिया गया है। जिला प्रशासन से हमारी मांग है कि लॉक डाउन के दौरान का जो वेतन प्रतिमाह का मजदूरों का बनता है वह मजदूरों को दिया जाए और लॉक डाउन के दौरान किसी भी मजदूर को कारखाने से न निकाला जाए।

मांग पात्र देने वालों में मुख्य रूप से अरुण चौबे, प्रेम सागर, अजय सैनी, राकेश सिंह, रामाज्ञा ,अनिल कुमार ,सुनील मिश्रा ,मनोज रावत पप्पू प्रसाद ,सूर्य प्रताप सिंह इत्यादि मजदूर शामिल हुए।