कालाजार और कुष्ठ रोगी भी चिन्हित किए जा रहे हैं दस्तक अभियान में

कुशीनगर। दस्तक अभियान के तहत कालाजार रोगियों के साथ कुष्ठ रोगियों को भी चिन्हित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों को कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। लक्षण के आधार पर कुष्ठ रोगियों को चिन्हित कर उन्हें उपचार के लिए नजदीक के सरकारी अस्पताल पर संदर्भित किया जाएगा।

जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. बीके वर्मा ने जन सामान्य से अपील की है कि यदि कोई स्वास्थ्य कर्मी आपके पास जाए और कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी मांगे तो वह छिपाएं नहीं, बल्कि खुल कर बताएं। ऐसे मरीजों का सरकारी अस्पतालों पर नि:शुल्क इलाज होगा। चमड़ी से जुड़े कालाजार व कुष्ठ रोग के लक्षण मिलते जुलते हैं। कुष्ठ रोगी के धब्बे वाले स्थान पर सुन्नापन हो जाता है, जबकि कालाजार के धब्बे वाले स्थान पर सुन्नापन नहीं होता है।

पिछले दिनों जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. बीके वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में डब्ल्यूएचओ के जोनल को-आर्डिनेटर डॉ. सागर घोडेकर ने बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि चमड़े का कालाजार एक त्वचा रोग है जो कालाजार के बाद होता है। कालाजार की बीमारी ठीक हो जाने के बाद भी त्वचा पर अलग प्रकार के और रूप के सफेद धब्बे या छोटी छोटी गाँठें बन जाती है  जो कालाजार होने के एक या दो साल बाद दिखाई देती है।

जिला परामर्शदाता डॉ. विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि समाज में कुष्ठ रोग को लेकर तरह तरह की भ्रांतियाँ है। जो पूर्णतया गलत है। यदि किसी को कुष्ठ रोग के लक्षण दिखे तो तत्काल सरकारी अस्पताल पर जाकर इलाज शुरू करा दें। समय से इलाज न होने पर दिव्यांगता हो सकती है ।

कुष्ठ रोग के लक्षण :

– शरीर के हल्के ताँबा के रंग के चकत्ते हो।
-चकत्ते वाले स्थान पर सुन्नापन हो।
– उस स्थान पर सुई चुभने पर भी कोई दर्द महसूस न हो।
-हथेली अथवा पैर के तलवों में भी सुन्नपन हो रहा हो

क्या है कुष्ठ रोग

कुष्ठरोग माइकोवबैक्टेरियम लेप्री जीवाणु के कारण होने वाली एक दीर्घकालिक बीमारी है। यह मुख्य रूप से मानव त्वचा,ऊपरी श्वसन पथ की परिधीय तंत्रिकाओं आंखों और शरीर के कुछ अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करती है।इस रोग से डरने की जरूरत नही है बल्कि जल्द से जल्द इलाज कराकर ठीक होने की जरूरत है।