गोरखपुर। महिला आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ की गोरखपुर जनपद इकाई की शनिवार को जिला कार्यालय पर बैठक हुई। बैठक में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने इस बात पर रोष जताया कि 62 वर्ष पूरी कर चुकी आगनवाड़ी कार्यकत्रियों को बिना किसी लाभ के घर बैठा दिया जा रहा है। महिलाओं के सशक्तिकरण का दंभ भरने वाली राज्य सरकार आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के साथ अन्याय कर रही है।
बैठक में कहा गया कि 30 से 35 वर्ष सेवा करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिका जो 62 वर्ष की उम्र पूरी कर ले रही हैं उन्हें राज्य सरकार बिना कोई लाभ दिए खाली हाथ घर बैठा दे रही है। यह आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के साथ उनका मानसिक उत्पीड़न सरकार द्वारा किया जा रहा है। बुढ़ापे की दहलीज पर पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां इस उम्र में क्या करेंगी यह वह सोच भी नहीं पा रही। उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
संघ की जिला मीडिया प्रभारी अमिता उपाध्याय ने कहा कि जिन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को एवं सहायिकाओं को घर बैठाया गया है वह निराश ना हो उनकी लड़ाई हर स्तर से जड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि संघ के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश पांडेय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आंगनबाड़ी बहनों के पक्ष में लखनऊ हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है।
बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष निर्मला शर्मा एवं संचालन महामंत्री गीता सिंह ने किया। बैठक में माधुरी, किरण ,आकांक्षा, पुष्पा त्रिपाठी, सुशीला शर्मा, गीता देवी ,पुष्पा शर्मा ,कुसुम सिंह ,आशा त्रिपाठी, पूनम ,मंजू ,आशा पांडेय, सुषमा, शशि कला ,सरोज आदि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां एवं सहायिका शामिल रहीं।