संविदा एएनएम संघ का संघर्ष रंग लाया, दो हजार संविदा एएनएम को गृह जनपद में तैनाती मिलेगी

गोरखपुर। अपने अधिकारों के लिए लम्बे समय से संघर्ष कर रहीं संविदा एएनएम को बड़ी सफलता मिली है। गृह जनपद में तैनाती की उनकी मांग को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने परिवार कल्याण महानिदेशक को इस पर कार्यवाही करने को कहा है। परिवार कल्याण महानिदेशक ने मिशन निदेशक एनएचएम को इस बारे में नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखा है।

गोरखपुर न्यूज लाइन ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था और 30 दिसम्बर को इस पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी।

उत्तर प्रदेश में 16 हजार संविदा एएनएम में से करीब दो हजार संविदा एएनएम ऐसी हैं जो अपने गृह जनपद से 100 से 800 किलोमीटर दूर तक तैनात है। इसकी वजह से इन संविदा एएनएम को अपनी ड्यूटी करने के साथ-साथ परिवार की जिम्मेदारियों को निभाने में विकट मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। संविदा एएनएम को अपने तैनाती स्थल के गांवों में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण, बच्चों का टीकाकरण का कार्य करना पड़ता है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की सभी योजनाओं के प्रचार-प्रसार की भी इन पर जिम्मेदारी होती है। इंसेफेलाइटिस, टीबी उन्मूलन सहित कई अभियानों में इनकी प्रमुख भूमिका है।

संविदा एएनएम की वर्षों पुरानी मांग है कि उन्हें नियमित पदों पर समायोजित किया जाय और समायोजन होने तक उन्हें 25 हजार रूपए मानदेय दिया जाय। नियमित एएनएम को 35 हजार से 60 हजार रूपए वेतन मिलता है। इसके अलावा एएनएम चाइल्ड केयर लीव, दूर-दराज के गांवों में आने-जाने के लिए स्कूटी देने, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना में एएनएम को शामिल करने की भी मांग कर रही है।

उनकी सबसे बड़ी मांग है कि दो हजार संविदा एएनएम को उनके गृह जनपद में तैनात किया जाय। हालत यह है कि बागपत जिले की रहने वाली एएनएम को बलरामपुर जिले में तैनात किया गया है तो अम्बेडकर नगर जनपद की एएनएम को सोनभद्र के चोपन में तैनात कर दिया गया है। घर से काफी दूर तैनाती की वजह से उन्हें ड्यूटी करने में काफी कठिनाई होती है लेकिन उन्हें कोई सुनने वाला नहीं है।

एएनएम संविदा संघ ने 21 दिसम्बर को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गृह जनपद से दूर तैनात दो हजार संविदा एएनएम को उनके गृहजनपद में स्थानान्तरण करने की मांग की थी। संघ की अध्यक्ष प्रेमलता पांडेय ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री केा 12 सूत्री मांग पत्र भेजा था। उन्होंने 19 संविदा एनएनएम की एक सूची भी भेजी थी जिन्होंने अपने गृहजनपद में स्थानान्तरण के लिए आवेदन किया हुआ है।

एएनएम संविदा संघ की मांग का समर्थन करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मी संघ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कम्युनिटी प्रोसेस संविदा कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।

एएनएम संविदा संघ अपनी इस मांग के समर्थन में सांसदों-विधायकों से मिलकर ज्ञापन देने का अभियान चला रहा था।

बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रमुख सचिव ने संविदा एएनएम को उनके गृह जनपद में तैनाती के लिए परिवार कल्याण महानिदेशक को पत्र लिखा है।

एनएचएम की मिशन निदेशक ने 10 जुलाई 2020 को जनपद स्तर पर कार्यरत संविदा कर्मियों के लिए लागू स्थानान्तरण नीति को स्थगित कर दिया था।

प्रमुख सचिव का निर्देश मिलने पर परिवार कल्याण महानिदेशक ने मिशन निदेशक एनएचम को 30 दिसम्बर को पत्र लिखकर एएनएम संघ की प्रदेश अध्यक्ष द्वार भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि संविदा एएनएम से सम्बन्धित सभी कार्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय द्वारा किया जाता है। इसलिए महिला सशक्तीकरण अभियान के तहत इस बारे में नियमानुसार कार्यवाही की जाय।