कप्तानगंज चीनी मिल ने इस वर्ष एक रुपया भी भुगतान नहीं किया, पिछले वर्ष का 13.42 करोड़ रुपया बकाया
कुशीनगर। कुशीनगर जिले की पांच चीनी मिलों ने इस सत्र का सिर्फ 30 फीसदी ही गन्ना मूल्य भुगतान किया है। इनमें से एक कप्तानगंज चीनी मिल ने इस वर्ष एक रुपया भी भुगतान नहीं किया है। इस चीनी मिल पर पिछले वर्ष का 13.42 करोड़ रूपया गन्ना मूल्य अभी भी भुगतान नहीं किया है।
कुशीनगर में निजी क्षेत्र की पांच चीनी मिलें-खड्डा, रामकोला, कप्तानगंज, सेवरही और ढाढा चल रही है। इन पांच चीनी मिलों ने इस वर्ष 2020-21 में अब तक 103.56 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की है जिसका कुल गन्ना मूल्य 226.54 करोड़ रुपए होता है। इसमें से अभी तक सिर्फ 30.7 फीसदी गन्ना मूल्य यानि 68.35 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इन चीनी मिलों पर 158.18 करोड़ अभी गन्ना मूल्य बकाया है।
कप्तानगज चीनी मिल ने इस सत्र का एक रुपए का भी भुगतान नहीं किया है। इस चीन मिल पर पिछले वर्ष का 13.42 करोड़ रुपया अभी भी बकाया है।
खड्डा और ढाढ़ा चीनी मिल ने इस सत्र का अभी तक लगभग 50 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है जबकि सेवरही और रामकोला ने एक चौथाई गन्ना मूल्य का ही भुगतान किया है।
खड्डा चीनी मिल ने 6.54 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की है। इस चीनी मिल ने 49.84 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। ढाढा चीनी मिल ने 31.06 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करते हुए कुल 50.62 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। रामकोला चीनी मिल ने 29.57 लाख क्विंटल गन्ना की पेराई करते हुए सिर्फ 26.04 और सेवरही ने 18.21 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करते हुए 26.87 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।
गन्ना मूल्य भुगतान में देरी पर जिला गन्ना अधिकारी से मिले भाकियू अम्बावता के जिलाध्यक्ष
गन्ना मूल्य के धीमे भुगतान से किसानों में आक्रोश है। भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह से आठ जनवरी को मुलाकात कर गन्ना मूल्य भुगतान में देरी पर नाराजगी प्रकट की। उन्होंने कहा कि किसानों को पर्ची मिलने में दिक्कत हो रही है।
श्री सिंह ने कहा कि कप्तानगंज चीनी मिल का भुगतान पेराई सत्र 2019-20 का बाकी है जिसके वजह से किसान परेशान है। जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि कप्तानगंज चीन मिल द्वारा जल्द ही पांच करोड़ रूपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया जाएगा।
रामचन्द्र सिंह ने कहा कि किसानों के गन्ने का भुगतान 14 दिन में कराने का प्रावधान है जिसका पालन नहीं हो रहा है। यदि समय से गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हुआ संगठन आंदोलन करने पर मजबूर होगा।