भाजपा नेता ने किसान आंदोलन के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दिया

गोरखपुर। गोरखपुर के युवा भाजपा नेता प्रबल प्रताप शाही ने नए कृषि कानूनों के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। श्री शाही किसान आंदोलन के समर्थन में गाजीपुर बार्डर पर  पहुँच कर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत से मुलाकात की।

प्रबल प्रताप शाही गोरखपुर में भाजपा के के स्वच्छता अभियान प्रकल्प के संयोजक थे।

उन्होंने भाजपा के राष्टीय, प्रदेश और क्षेत्रीय अध्यक्ष को नौ जनवरी को पत्र लिखकर इस्तीफे की जानकारी दी है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि नए कृषि कानूनों से किसानों के मन में भय एवं शंका है। किसान डेढ़ महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। अब तक 60 किसान शहीद हो चुके हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक एवं संवेदनशील तरीके से विचार नहीं कर रही है। उल्टे केन्द्रीय मंत्री और जिम्मेदार नेता किसानों के खिलाफ अपमानजनक भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे मुझे आत्मीय दुःख हुआ है। मेरी अंतरात्मा मुझे धिक्कार रही है कि मैं कैसे लोगों एवं संगठन का साथ दे रहा हूं जो देश के अन्नदाता को अमर्यादित एवं अपमानजनक भाषा बोल रहे हैं।

 

श्री शाही ने पत्र में लिखा है कि नए कृषि कानूनों से किसानों का बहुत बड़ा नुकसान होगा और किसानी खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगी। नए कानूनों से कम्पनी राज की स्थापना होगी और आवश्यक वस्तु अधिनियम में हुए संशोधन से आम जन को महंगाई का सामना करना पड़ेगा।

श्री शाही ने इस्तीफा देने के पहले कई बार नए कृषि कानूनों पर सवाल उठाया था और पार्टी को इसे गंभीरता से लेने को कहा था लेकिन उनकी बातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।