मऊ में किसान महिला दिवस का आयोजन, अंबानी-अडानी के कंपनी राज के लिए लाया गया है कृषि कानून

मऊ.  किसान विरोधी काले कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों ने मझौवा, ताजोपुर में 18 जनवरी को  ” किसान महिला दिवस ” का आयोजन कर किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।

किसान महिला दिवस के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश किसान सभा के प्रांतीय नेता बाबूराम यादव ने कहा कि ईस्ट इंडिया कम्पनी के अंग्रेजी राज से मुक्ति के लिए भारत की जनता को 90 वर्ष तक संघर्ष करना पड़ा था। अब मोदी सरकार देश के ऊपर अम्बानी- अडानी का कम्पनी राज थोपने पर आमादा है जिसे देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी बल्कि यह आन्दोलन मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करेगा।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए अंग्रेजी राज से ज्यादा जुल्म जनता के साथ किया है। इसलिए अब देश को बचाने के लिए किसानों- मजदूरों को एकजुट होकर उसे सत्ता से बाहर करना होगा।

अर्चना उपाध्याय ने कहा कि मोदी-योगी राज में महिला उत्पीड़न पर लगाम नहीं है। उप्र मे बलात्कार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सरकार सामंती -दबंग ताकतों के पक्ष में खड़ी है। बलात्कारियों को सजा दिलाने की जगह संरक्षण देती हुई दिख रही है। चाहे हाथरस की घटना हो, बदायूं की घटना हो या मऊ असलपुर की घटना हो।

भाकपा माले के जिला सचिव बसंत कुमार ने कहा कि पूरे देश में किसान आंदोलन पर है और कृषि कानून को वापस लेने की बात कर रहा है।  इस आंन्दोलन में एक सौ से ज्यादा किसान अब तक शहीद हो गए हैं, लेकिन गूंगी बहरी यह सरकार किसानों-मजदूरों की आवाज को नहीं सुन रही है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार चंद कारपोरेट पूंजीपतियों के इशारे पर किसान विरोधी काला कानून देश पर थोप देना चाहती है। कृषि कानून के खिलाफ चल रही लड़ाई देश,लोकतंत्र,संविधान बचाने की लड़ाई है।

कार्यक्रम के अंत में किसान आंदोलन में शहीद हुए सभी किसान साथियों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

सभा में प्रमुख रूप से इंकलाबी मजदूर केंद्र के रामजी सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद मूर्ति, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के चौथी राम, डॉक्टर त्रिभुवन शर्मा, उत्तर प्रदेश किसान सभा के वीरेंद्र कुमार, एक्टू के नेता श्री राम सिंह, किसान संग्राम समिति के रामू प्रसाद ने संबोधित किया। सपा की अध्यक्षता सुनीता और संचालन शिव मूरत गुप्ता ने किया।

सभा में शिवकुमार, हरिश्चंद्र, अरविंद, प्रभावती चनरमी, मनभावती, इमिरिती देवी, रामबदन, देवनाथ सुरेश, ध्रुव मिश्रा आदि उपस्थित थे।