प्राकृतिक संसाधनों का करें आदर, बचेगा पर्यावरण: माइक एच पाण्डेय

डीडीयू में बर्ड वेटलैंड डे पर डीडीयू और हेरिटेज फाउंडेशन का संयुक्त कार्यक्रम

गोरखपुर। प्रकृति के संसाधन अनमोल हैं। पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों का आदर करना चाहिए। इनके अस्तित्व को खतरा हमारे अस्तित्व को खतरा है। कोई भी सरकार अकेले बदलाव नहीं ला सकती। हमें अपनी भूमिकाएं भी तय करनी होंगी।

यह कहना है वाइल्ड लाइफ फिल्मकार और पर्यावरणविद माईक पाण्डेय का। श्री पाण्डेय मंगलवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और हेरिटेज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित फिल्म स्क्रीनिंग और संवाद कार्यक्रम में बतौर वक्ता ऑनलाइन बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन रसायन विज्ञान विभाग के रिसर्च हाल में किया गया था। उन्होंने छात्र-छात्राओं से एक ऐसी प्रणाली विकसित करने का आह्वान किया जिससे परिवर्तन के लिए सार्थक हस्तक्षेप किए जा सके। कार्यक्रम की समन्ययक व रसायन विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो.सुधा यादव ने कहा कि गंगा नदी हमारी जीवन रेखा है। इसके संरक्षण और शुद्धिकरण के लिए सभी को भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

मुख्य अतिथि हेरीटेज फाउंडेशन की अनीता अग्रवाल व अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. शांतनु रस्तोगी ने कहा कि संस्कृति में जगत की अवधारणा में प्रकृति के सारे घटक शामिल हैं। हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टी और रिवर बैंक स्टूडियो के वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा के फिल्में जागरूकता का सबसे सशक्त माध्यम है। इस मौके पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म गंगा हरीतिमा, टाइमलेस ट्रैवलर और ब्रोकन विंग्स का प्रदर्शन किया गया।

माडर्न डेवलपमेंट एंड एंवायरेनमेंटल नीड्स विषयक डिबेट में विभाग के छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में सिमरन बर्नवाल प्रथम, ज्योति गुप्ता द्वितीय और आदित्य श्रीवास्तव को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। रोशनी रैतानी, रागिनी गुप्ता और अंकुर पाण्डेय को सांत्वना पुरस्कार दिए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सीमा मिश्रा, प्रो.यूएन त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर प्रो. वीना बी कुशवाहा , प्रो. एसके सेनगुप्ता , प्रो.ओपी पाण्डेय , प्रो. आफशां सिद्दीकी , डॉ. सर्वेश पाण्डेय , डॉ. निखिल शुक्ला, डॉ. सोम शंकर दुबे , डॉ. नेत्र पाल सिंह, डॉ. अखिलेश श्रीवास्तव, डॉ. प्रीती गुप्ता, डॉ. प्रदीप राव, डॉ.गीता सिंह और डॉ. विनीता, नरेंद्र मिश्र, कार्तिक मिश्र एवं अनुपमा मिश्र मौजूद रहीं।