बलिया के रंगमंच पर जीवंत हुआ भिखारी ठाकुर का नाटक ‘ बेटी बेचवा ’

बलिया। संकल्प के रंग कर्मियों ने रविवार को बलिया के बापू भवन में सैकड़ों दर्शकों की उपस्थिति में भिखारी ठाकुर के नाटक ‘ बेटी बेचवा ‘ का मंचन किया।  प्रस्तुति की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सैकड़ों लोग खड़े होकर नाटक देखते रहे। दर्शक दीर्घा में जिलाधिकारी श्रीहरी प्रताप शाही अपने पूरे परिवार के साथ 2 घंटे तक लगातार बैठे रहे ।

रविवार की शाम को बलिया बापू भवन में संकल्प संस्था द्वारा पुस्तक लोकार्पण एवं नाट्य मंचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में विनोद कुमार यादव विमल की पुस्तक ” दो बैलों की आत्मकथा ” का लोकार्पण हुआ। इसके बाद महान लोकलाकार भिखारी ठाकुर की अमर कृति ‘ बेटी बेचवा ‘ नाटक का मंचन किया गया।

इस मौके पर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्रीहरी प्रताप शाही ने कहा कि बलिया जैसी जगह पर रंगमंच को खड़ा करना और 16 वर्षों से निरंतर थियेटर करते रहना वास्तव में प्रेरणादाई है। संकल्प संस्था और इसके सचिव रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी की इसके लिए जितनी सराहना की जाए कम है। उन्होंने विनोद विमल को उनके पुस्तक के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सेना में रहते हुए अपने व्यस्त जीवन में से पुस्तक लिखने के लिए समय निकालना निश्चय ही महत्वपूर्ण है । बलिया की साहित्यिक और सांस्कृतिक समृद्धि को देखकर सुकून मिलता है ।

पुस्तक के बारे में सतीश चंद्र कॉलेज में हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० श्रीपति यादव ने विस्तार से बताया। दूसरे सत्र में भिखारी ठाकुर का नाटक बेटी बेचवा का मंचन किया गया । दहेज के अभाव में कम उम्र में लड़कियों की शादी , शादी से पहले लड़की से कोई राय न लेना और सामाजिक विडम्बनाओं तथा लड़कियों और स्त्रियों की दशा और दिशा को उजागर करता यह नाटक दर्शकों के दिलो-दिमाग पर छा गया। कलाकारों ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को कई बार रूलाया। अपने शानदार अभिनय से लोभा की भूमिका में सोनी और दूल्हे की भूमिका में आनंद कुमार चौहान ने सबका मन मोह लिया ।

उपातो बेटी की भूमिका में ट्विंकल गुप्ता की भी खूब सराहना हुई । पंडित की भूमिका में अनुपम पांडेय और चटक की भूमिका में वैभव उपाध्याय भी सधे हुए कलाकार के रूप में नजर आये । इसके अलावा पुष्पा, संस्कृति ,प्रकृति, तारकेश्वर पासवान , चंदन गुप्ता, मुकेश, विशाल की भी भूमिका सराहनीय रही । संगीत निर्देशन विजय प्रकाश पांडेय का था । नाल वादन मृत्युंजय सिंह ने किया। पार्श्वगायन की भूमिका निभाई सुप्रसिद्ध गायक बंटी वर्मा ने और उनका साथ दिया रोहित ने। नाटक की मंच परिकल्पना एवं निर्देशन रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने किया। कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी ने लेखक विनोद विमल और सभी कलाकारों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद के वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार डॉ जनार्दन तथा संचालन धनंजय राय ने किया।