तीनों काले कृषि कानून एमएसपी और मंडी को खत्म करने वाले हैं- प्रियंका गांधी

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज माँ शाकम्बरी देवी के दर्शन करने के उपरान्त सहारनपुर पहुंचकर चिलकाना में आयोजित विशाल किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि तीन कृषि कानून  राक्षस रूपी कानून हैं जो किसान को मारना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि पहला कानून, भाजपा के नेतृत्व में, भाजपा के पूंजीपति मित्रों के लिए जमाखोरी के दरवाजे खोलेगा। जवाहर लाल नेहरू ने 1955 में जमाखोरी बंद करवायी थी, कानून बनवाया था। उस कानून को आज बदला गया है। यह नया कानून बड़े-बड़े खरबपतियों को मदद करेगा। किसानों को उपज का दाम क्या मिलना है, उनसे कब खरीदा जायेगा, कैसे खरीदा जायेगा, यह वह तय करेंगे।

दूसरा कानून, एक ऐसा कानून है जो सरकारी मंडियों कोे बन्द कर खत्म कर डालेगा। क्योंकि उस कानून के तहत जो बड़े बड़े खरबपति हैं वह अपनी प्राइवेट मंडिया खोलेंगे। जबकि सरकारी मंडी में आपको टैक्स लगेगा, प्राइवेट मंडी में आपको टैक्स नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि तमाम किसान सबसे पहले प्राइवेट मंडियों में चले जायेंगे। लेकिन धीरे-धीरे यह होगा कि जो बड़े-बड़े खरबपति हैं वह उन मंडियों में सामान स्टाक में रखेंगे और जब मन चाहेगा तब आपसे खरीदेंगें। जिस दाम पर चाहेंगे आपसे खरीदेंगे केाई न्यूनतम प्राइस नहीं होगी। एमएसपी नहीं होगी। ऐसा कुछ कानून नहीं होगा जिसके जरिए आपको अपनी उपज का सही दाम मिल पायेगा।

 

प्रियंका गांधी ने कहा कि कान्ट्रैक्ट फार्मिंग कानून का मतलब है कि ठेके पर किसानों के साथ एक योजना बनायी जायेगी कि आपके गांव करोड़पति आ सकता है, अरबपति आ सकता है। उसी पर सब निर्भर होगा कि वह आपसे गेहूं खरीदना चाहेगा और कितना दाम दाम देगा। ये तीनों कानून इस तरह बनाये गये हैं कि सरकारी मंडिया बन्द होंगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद होगा और पूरी तरह से जमाखोरी बढ़ेगी। इसका मतलब है कि किसान की आवाज झुकेगी और बड़े-बड़े करोड़पति और बड़े-बड़े खरबपतियों की आवाज बुलन्द होगी।

उन्होंने गन्ना मूल्य बकाया का सवाल उठते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले चुनाव में कहा था कि सत्ता में आते ही 15 दिन बाद 15 हजार करोड़ का जो गन्ने का मूल्य बकाया है वह ब्याज सहित देंगे। नतीजा क्या हुआ ? 15 दिन नहीं, महीने हो गये, साल निकल गये, लेकिन गन्ने का बकाया किसानों को नहीं मिला। किसानों को 15 हजार करोड़ का बकाया नहीं मिला। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दो हवाई जहाज 16 हजार करोड़ रूपये में खरीदे गये हैं। आप सोच सकते हैं कि इनकी जुबान में कितना वजन है। दिल्ली में संसद भवन के सौंन्दर्यीकरण के लिए 20 हजार करोड़ रुपये सरकार ने रखे हैं।

प्रियंका गांधी ने कहा कि इनका 56 इंच का सीना देख लिया जिसके अन्दर एक छोटा सा दिल है, जो अपने अरबपति मित्रों के लिए धड़कता है। वे किसान का दिल नहीं समझ रहे हैं। किसान का दिल इस देश की धरती के लिए धड़कता है क्योंकि उस धरती को वह सींचता है। उस धरती से उसकी जान जुड़ी हुई है। उस धरती से ही उस किसान ने ही इस देश को आत्मनिर्भर बनाया। हरित क्रान्ति, श्वेत क्रान्ति के जरिए, इस देश को आत्मनिर्भर बनाने वाला किसान है। यही किसान का बेटा सीमा पर सुरक्षा करता है। इस देश के लिए अपनी जान देता है, इस देश के लिए शहीद होता है। उसी किसान का बेटा एक जवान बनकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा करता है। उसी किसान का बेटा प्रधानमंत्री के लिए तैनात होता है और उसे सुरक्षित करता है लेकिन ये प्रधानमंत्री किसान का दिल नहीं पहचान रहे हैं। किसान का रोज अपमान कर रहे हैं। इनके जितने भी पार्टी के लेाग हैं, इनके जितने भी मंत्री हैं, रोज कहते हैं कि किसान नहीं बैठा है, किसान आन्दोलन नहीं कर रहा है, यह सच्चा आन्दोलन नहीं है, कहते हैं कि ये आतंकवादी हैं , ये देशद्रोही हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी, मैं और कांग्रेस का एक-एक नेता किसान के साथ खड़े हैं। आपके साथ इस आन्दोलन में हम खड़े हैं। हमारी शक्ति आपकी शक्ति है। हम आपके साथ खड़े हैं,  आपके साथ लड़ेंगे। जब तक यह कानून रद्द नहीं होंगें, तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे।