मुख्यमंत्री ने राप्ती नदी पर तीन घाट सहित 60.65 करोड़ लागत की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 फरवरी को 60.65 करोड़ लागत की तीन परियोजनाओं- राप्ती नदी के बाये तट पर महायोगी गुरू गोरक्षनाथ घाट एवं राजघाट , राप्ती नदी के दाये तट पर रामघाट और राजघाट पर अंत्योष्टि स्थल का निर्माण एवं प्रदूषण मुक्त लकड़ी व गैस आधारित शव दाह संयत्र का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने हाबर्ट बंधे से महायोगी गुरू गोरक्षनाथ घाट तक सी0सी0 सड़क व नाली निर्माण का शिलान्यास किया। उन्होंने 100 दिव्यांगों को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल वितरित किया तथा नाव से नदी के पार जाकर रामघाट के कार्यों का निरीक्षण तथा राजघाट पर राप्ती नदी की आरती भी की।

मुख्यमंत्री ने एक साथ 3 परियोजना के लोकार्पण एवं एक परियोजना के शिलान्यास अवसर पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राजघाट पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव था, हर व्यक्ति साफ सुथरी जगह पर स्नान करना चाहता है लेकिन राजघाट पर गंदगी रहती थी और वही पर लोगों को स्नान करना पड़ता था लेकिन अब आज के बाद ऐसा नही होगा बल्कि  गोरखपुर तथा पूर्वान्चलवासियों को स्नान के लिए अलग घाट, अंतिम संस्कार के लिए अलग साफ सुथरा घाट यहां पर उपलब्ध होगा और साथ साथ शहर से जो ड्रेनेज और सीवर यहां आ रहा है उसको ट्रीटमेन्ट करने के बाद ही नदी में जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामगढ़ताल भी एक अच्छी झील के रूप में विकसित हो रहा है लेकिन हब सबका दायित्व है कि उसकी सुन्दरता को बनाये रखा जाये। सरकार विकास/सौन्दर्यीकरण हेतु धन देती है लेकिन स्थानीय नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि स्थानीय स्तर पर जनता के द्वारा वहां कही भी कोई भी ऐसा कार्य न हो जो प्रकृति के विरूद्ध हो। सरकार के द्वारा खर्च किये गये पैसों के विरूद्ध कोई भी ऐसा आचरण नही होना चाहिए जिससे उस सम्पत्ति को नुकसान पहुंचता हो। उन्होंने कहा कि श्मशान घाट को बाबा मुक्तेश्वरनाथ के नाम से जाना जायेगा। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन से कहा कि हावर्ट तटबंध से स्नान घाट तक आने के लिए सड़क के उच्चीकरण के साथ साथ टू-लेन किया जाये जिससे आने जाने वालों को सुविधा हो सके इसके अतिरिक्त यहां सीवर/डेªनेज का पानी नही गिरना चाहिए। नदी संस्कृति के प्रति यह भाव होना चाहिए, नदी जैसी पवित्रता, शीतलता हम सबके मन में भी होना चाहिए। जल है तो कल है इसलिए जल संस्कृति हो अपनाना होगा, गंगा की शुद्धता प्रयागराज मे देखने लायक है। इसी प्रकार राप्ती नदी की निर्मलता को भी बनाय रखा जाये। नदी को गंदा करना पाप है, नदी में गंदगी नही करना है और घाट की सुन्दरता को बनाये रखना है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा किे गोरखपुर विकास की ढेर सारी योजनाएं संचालित है, रामगढ़ताल में सी-प्लेन उतारने का कार्य किया जायेगा। माह मार्च में चिड़ियाघर का उद्घाटन होगा इससे मनोरंजन के साथ साथ ज्ञान अर्जन भी होगा। गोरखपुर मे सड़कों का चौड़ीकरण तेजी से कराया जा रहा है। सड़कों का विस्तार विकास का आधार होता है, यहां फोरलेन के साथ साथ सिक्सलेन का भी विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के संरक्षण का कार्य स्थानीय जनता को करना है, नुकसान करने की छूट नहीं है।

इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सर्वांगीण विकास हो रहा है, गोरखपुर राप्ती नदी के तट पर एक साथ 3 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं एक परियोजना का शिलान्यास हुआ है। राप्ती नदी की लम्बाई 600 किमी0 है। प्रदेश सरकार द्वारा यह योजना बनाई जा रही है कि बाढ़ की स्थिति न आने पाये। हर घर को नल दिये जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का तीन एजेण्डा विकास, चतुर्दिक विकास एवं तेज गति से विकास है। कोरोना मैनेजमेन्ट में उ0प्र0 सबसे आगे है। कोरोना के दौरान में यहां चीनी मिले चली है, गोरखपुर का निरन्तर विकास हो रहा है।

स्वागत सम्बोधन महापौर सीताराम जायसवाल, सदर सांसद रविकिशन एवं विधायक ग्रामीण विपिन सिंह ने किया। इस अवसर पर सांसद बासगांव कमलेश पासवान, राज्यसभा सांसद जय प्रकाश निषाद, विधायक फतेहबहादुर सिंह, महेन्द्रपाल सिंह, संत प्रसाद,  विमलेश पासवान, क्षेत्रीय अध्यक्ष डा0 धर्मेन्द्र सिंह, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, अपर मुख्य सचिव सिंचाई टी0वेंकटेश, एडीजी अखिल कुमार, मण्डलायुक्त जयन्त नार्लिकर, आईजी राजेश मोदक, जिलाधिकारी के0 विजयेन्द्र पाण्डियन सहित विभिन्न जन प्रतिनिधि गण एवं अधिकारी उपस्थित रहे।